यानी जो समिति गेहूं की खरीदी करेगी उन्हीं को चना, मसूर व सरसों की खरीदी करनी होगी, जबकि बीते साल शासन ने गेहूं खरीदी केंद्रों के अलावा चना, मसूर व सरसों खरीदी के लिए 40 केंद्र अलग से स्थापित किए थे। इस नई व्यवस्था पर अभी से उंगलियां उठने लगी हैं, क्योंकि बीते साल अलग-अलग समितियों को जिम्मेदारी सौंपने के बाद भी किसानों की उपज की समय से तुलाई नहीं हो पाई थी।
इसके बाद भी यदि अब एक ही समिति को दोहरा काम सौंपा जाता है तो किसानों की परेशानी बढऩा तय माना जा रहा है। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में समर्थन मूल्य की खरीदी के लिए जो केंद्र बनाए गए हैं उन्हीं केंद्रों पर गेहूं, चना, मसूर व सरसों की खरीदी की जाएगी।