गौरतलब है कि ठंड के मौसम में ठंडे देशों में तापमान काफी नीचे चला जाता है। इससे उन स्थानों पर जीवन की संभावनाएं कम हो जाती हैं। ऐसे में अपने आप को बचाए रखने के लिए ये प्रवासी पक्षी हजारों किमी. की यात्रा करके अपेक्षाकृत कम ठंडे प्रदेशों की ओर चले जाते हैं। यहां वे पूरे ठंड के समय रुकते हैं और प्रजनन करके वंश वृद्धि भी करते हैं। इसके बाद फरवरी पहले व दूसरे सप्ताह से गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो जाते हैं।
देश के सभी प्रजातियों के गिद्ध हैं यहां फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में भारत में पाई जाने वाली गिद्धों की सातों प्रजातियों का हैबीटेट है। प्रतिवर्ष प्रवासी गिद्धों की प्रजातियां भी शरद ऋ तु में पन्ना टाइगर रिजर्व में देखी जाती रही हैं। इस वर्ष भी धुंधुंआ सेहा में प्रवासी गिद्ध यूरेशियन जिफ्रान एवं हिमालयन जिफ्रान की प्रजातियां ठंड प्रारम्भ होते ही देखी जा रही हैं। वर्तमान में ये गिद्ध झुंडों में धुंधुंआ सेहा में धूप सेकते हुए पर्यटकों द्वारा देखे जा रहे हैं। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
शिविर में लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण कराएं
जिले के समस्त विभाग प्रमुखों को कलेक्टर मनोज खत्री ने निर्देश दिए हैं कि उनके कार्यालय में लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण अनिवार्य रूप से आयोजित होने वाले पेंशन शिविर में कराएं। विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों के संबंध में राज्य शासन द्वारा आपत्ति जताते हुए निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
जिले के समस्त विभाग प्रमुखों को कलेक्टर मनोज खत्री ने निर्देश दिए हैं कि उनके कार्यालय में लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण अनिवार्य रूप से आयोजित होने वाले पेंशन शिविर में कराएं। विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों के संबंध में राज्य शासन द्वारा आपत्ति जताते हुए निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
जिला पेंशन अधिकारी टीएन टेकाम ने बताया 2 एवं 3 जनवरी को आयोजित होने वाले शिविर में संभाग स्तर के अधिकारी आएंगे। यह अधिकारी विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण शिविर में करेंगे। टेकाम ने अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे अपने अधीनस्थ शासकीय सेवकों के लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण शिविर में करा लें।