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पन्ना में दो दिन की हड़ताल के बाद बढ़ाए दूध के दाम, अधिकारी बोले-हमारे नियंत्रण में नहीं

गुरुवार को 10-15 रुपए महंगा बिका दूध

पन्नाNov 29, 2019 / 01:50 am

Sonelal kushwaha

Milk

पन्ना. जिला मुख्यालय में दूध विक्रेताओं की दो दिनी की हड़ताल के बाद तीसरे दिन भी सुबह लोगों को नगर की अधिकांश डेयरियों में दूध नहीं मिल सका। ग्रामीण अंचलों से आने के बाद दोपहर तक जब दूध बिकना शुरू हुआ तो उसकी कीमत १० से १५ रुपए प्रति किग्रा. तक बढ़ चुकी थी। दूध विक्रेताओं द्वारा पहले बगैर किसी पूर्व सूचना के पूरे शहर में दूध की सप्लाई बंद कर शहर को परेशानी में डाल दिया गया और अब बगैर दूध की कीमतें मनमानी तरीके से १० से १५ रुपए प्रति किग्रा तक बढ़ा दी गईहैं। जिसको लेकर अभी तक प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब है कि दूध की सप्लाई को अत्यावश्यक सेवाओं के तहत रखा गया है। दूध विक्रेताओं ने हड़ताल को लेकर जिला प्रशासन को भी पूर्व से जानकारी नहीं दी थी। अब दूध की कीमतों को लेकर लोग खासे परेशान हैं। चाय की दुकान संचालित करने वाले सरमन ने बताया कि जिस दूध वाले से वे दूध लेते थे उसने गुरुवार को प्रति लीटर १० रुपए ज्यादा रुपए लिए हैं। पूछने पर बताया कि दूध वालों ने कीमतें बढ़ा दी है। डेयरियों से अब ५० से ५५ रुपए और घरों में ६० रुपए तक देने की बात कर रही थी।
महंगे हो सकते हैं दूध संबंधी उत्पाद
यदि दूध की कीमतों पर कंट्रोल नहीं किया गया तो शहर में बिकने वाले दूध से संबंधित उत्पादों की कीमतों में बृद्धि हो सकती है। इसके प्रभाव के रूप में होटलों में मिलने वाली प्रति चार की कीमत में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा घी, मक्खन, क्रीम, मावा,पनीर आदि की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है। बताया गया कि पैकेटवाला फैट युक्त दूध ५२ रुपए प्रति लीटर और सामान्य दूध ४६ रुपए मिलता है। जबकि अब डेयरियों में खुला दूध ५०-५५ रुपए प्रति लीटर और घरों में ६० रुपए प्रति लीटर देने की बात कही गई। डेयरियों और डिब्बों में घर-घर दिए जाने वाले दूध की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं। ऐसे में लोगों को ६० रुपए प्रति लीटर भी शद्ध दूध मिल पाएगा इसकी उम्मीद कम ही है।
गरीब परिवारों पर सबसे ज्यादा असर
दूध की बढ़ी कीमतों का गरीब परिवारों पर सबसे ज्यादा असर पढऩे वाला है। ऐसे परिवार से प्रतिदिन एक पॉव य आधा लीटर दूध भी मुश्किल से ले पाते थे उन्हें अब उतने ही रुपयों में पहले से कम दूध मिले। इससे गरीब परिवारों में बच्चों के बीच कुपोषण को बढ़ावा मिलेगा। दूध की कीमतें एकसाथ इतनी अधिक बढऩे के बाद भी मामले में अभी तक जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। यदि इस ओर गंभीरता के साथ प्रयास नहीं किए जाते हैं तो स्थायी रूप से लोगों को अपेक्षाकृत महंगा दूध लेना पड़ेगा।
दूध की कीमतों में हमारा नियंत्रण नहीं है। सरकारी डेयरी पशु पालन विभाग के अंतर्गत आती हैं। कीमतों में नियंत्रण के लिए पशु पालन विभाग को कहा जाएगा कि वे शहर में दूध की आपूर्ति ेबढ़ाकर कीमतों को नियंत्रित करें।
आरके श्रीवास्तव, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी
कीमतों पर हमारा कंट्रोल नहीं है। क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी हमारी है। आम जनता को शुद्ध दूध मिले, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
कविता सिंह राठौर, खाद्य एवं औषधि निरीक्षक

जनता को उचित कीमत पर दूध मिले इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन से चर्चा की जाएगी कि आम जनता को ज्यादा परेशानी नहीं हो।
बृजेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पन्ना
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