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टाइगर रिजर्व के अंदर खदान भी मिली और निर्माणाधीन वॉच टॉवर से पत्थर भी बरामद हुए

locationपन्नाPublished: Feb 20, 2020 10:13:36 pm

Submitted by:

Shashikant mishra

पत्रिका ने किया था टाइगर रिजर्व के अंदर अवैध रूप से खदान चलने का खुलासापत्रिका की खबर के बाद जागा पार्क प्रबंधन, अवैध खदान की की गई नापजोख

टाइगर रिजर्व के अंदर अवैध रूप से संचालित खदान की नापजोख करते अधिकारी।

टाइगर रिजर्व के अंदर अवैध रूप से संचालित खदान की नापजोख करते अधिकारी।

पन्ना. पन्ना टाइगर रिजर्व के मढिय़ादो रेंज के उदयपुरा बीट में निर्माणाधीन वॉच टावर के लिए अवैध पत्थर खदान संचालित होने के मामले का पत्रिका द्वारा खुलासा किए जाने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। टाइगर रिजर्व द्वारा मामले की जांच के लिए आनन-फानन में अधीक्षक केन घडिय़ाल सेंचुरी के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए गए। इस टीम ने मौके पर पहुंचकर टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के अंदर खदान भी संचालित होना पाया और निर्माणाधीन वॉच टॉवर से अवैध खदान से निकाले गए पत्थर भी बरामद किए।

गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा कोर क्षेत्र के समान बफर क्षेत्र में भी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बड़ी संख्या में स्थायी और अस्थायी कैंपों का निर्माण कराया जा रहा है। इसी तरह से मढिय़ादो रेंज के उदयपुरा बीट में कक्ष क्रमांक -३५५ में वांच टॉवर का निर्माण किया जा रहा था। टाइगर रिजर्व के मैदानी अमले की मिली भगत से वॉच टावर के निर्माण के लिए वॉच टावर के पास ही चोरी छिपे पत्थर खदान शुरू कर दी गई थी। जिससे बोल्डरों के साथ फर्शी पत्थर भी निकाला गया था। इसके संबंध में पत्रिका द्वारा 18 फरवरी के अंक में वॉच टॉवर निर्माण के लिए नियम तोड़कर नेशनल पार्क के अंदर लगवा दी पत्थर खदान शीर्षक के साथ समाचार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था।

खबर के बाद मचा हड़कंप
पत्रिका द्वारा टाइगर रिजर्व के अंदर अवैध रूप से पत्थर की खदान संचालित होने का मामला उजागर करने के बाद से टाइगर रिजर्व प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा मैदानी अमले के कारगुजारी की जांच के लिए आनन -फानन में अधीक्षक केन घडिय़ाल सेंचुरी पीएस ठाकुर के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई थी। यह टीम मंगलवार की शाम को जांच के लिए मौके पर पहुंची। जहां जांच के दौरान मौके पर अवैध रूप से पत्थर खदान संचालित होना पाया गया। साथ ही निर्माणाधीन वॉच टावर से फर्शी पत्थर भी बरामद किए गए हैं।

टीम ने मजदूरों से की पूछताछ
जांच टीम के द्वारा पत्थर खदान में काम करने वाले मजदूरों से पूछताछ भी की गई। जिसमें एक मजदूर हाकम सिंह ने बताया, उसके द्वारा दो माह पूर्व कुछ पत्थर तोड़े गए थे। वन रक्षक कुलदीप तिवारी के कहने पर उसने पत्थर तोडऩे का काम किया था। मौक पर मौजूद वन रक्षक कुलदीप ने जांच टीम को बताया, उक्त पत्थर वॉच टॉवर की अलमारी और खिड़कियों के ऊपर लगाने के लिए तुड़वाए गए थे। उक्त पत्थरों को जांच टीम द्वारा निर्माणाधीन वॉच टॉवर से बरामद भी कर लिया गया है। जांच टीम के अनुसार यहां ८ से १० फर्शी पत्थर रखे हुए पाए गए हैं। यहां १०० फीट चौड़ाई, १२० फीट लंबाई और २८ फीट ऊंचाई से पत्थर निकालना पाया गया है। हालांकि मौके पर जो पत्थर मिला वह बहुत कम मात्रा में मात्र 0.336 घर मीटर है। इससे आशंका जताई जा रही है कि पत्थर को बेचा भी गया होगा।

खदान को समतल करने के निर्देश
मौके का निरीक्षण करने के बाद अधीक्षक केन घडिय़ाल सेंचुरी ठाकुर ने वनरंक्षक को फटकार लगाई और उक्त खदान को तत्काल मिट्टी भर कर समतल करने के निर्देश दिए है। मौके स्थल पर रेंजर मढिय़ादो रेंज एचएच भार्गव ने खनन स्थल का नापतोल कर पंचनामा बनाया। इसके बाद पूरी जानकारी जांच अधिकारी ठाकुर को सौंप दी गई। जांच अधिकारी ठाकुर ने बताया, वे अपनी जांच रिपोर्ट डीएफओ को सौंपेंगे। आगे की कार्रवाई डीएफओ द्वारा प्रस्तावित की जाएगी।

मौके का निरीक्षण करने पर टाइगर रिजर्व के बफर रेंज की सीमा में अवैध रूप से पत्थर खदान चलना पाया गया है। जिसके नापतौल कर पंचनामा तैयार कर डीएफओं को सौपा जाएगा । इसके पश्चात वनरक्षक पर कार्रवाई तय होगी। फिलहाल खनन स्थल को मिट्टी से भर कर समतल करने और दोबारा शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई करने कहा गया है।
पीएस ठाकुर, जांच अधिकारी व अधीक्षक केन घडिय़ाल सेंचुरी
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