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विवाद इतना बढ़ा कि पति ने धारदार हथियार से पत्नी की कर दी हत्या

locationपन्नाPublished: Nov 17, 2018 01:24:08 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

विवाद इतना बढ़ा कि पति ने धारदार हथियार से पत्नी की कर दी हत्या

Murder of wife

Murder of wife

पन्ना। पति-पत्नी के बीच हुए आपसी विवाद में पति ने धारदार हथियार से पत्नी की हत्या कर दी। इस घटना से आसपास सनसनी फैल गई। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।जानकारी के अनुसार नगर के धरम सागर तालाब के पास रामदास पत्नी सुनीता के साथ रहता था। बताया जाता है कि किसी बात को लेकर दोनों के बीच शुक्रवार की सुबह विवाद हो गया।
धीरे-धीरे दोनों बीच विवाद इतना बढ़ा कि रामदान ने घर में रखी गैंती उठाकर पत्नी पर हमला कर दिया। गैंती के सिर और पेट में लगने से पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। मामले की जानकारी लगने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं शव का पंचनामा बनाकर पीएम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
जिलाबदर के अभियुक्त को एक वर्ष का सश्रम कारावास

जिला बदर की सजा के बाद भी जिले के सीमा में बगैर अनुमति घूमने के आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया, २२ फरवरी २०१८ को सुनवानी थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि जिला बदर का आरोपी कृपाल सिंह ठाकुर पिता निर्भय सिंह ठाकुर ग्राम उड़ला में घूम रहा है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंडवन पुल के पास एक व्यक्ति को संदेहास्पद हालत में खड़ा पाया। पूछताछ पर उसने अपना नाम कृपाल सिंह ठाकुर बताया।
उक्त अभियुक्त को जिला मजिस्ट्रेट पन्ना द्वारा राज्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आदेश 22 मई 17 द्वारा जिला बदर किया गया था। जिला बदर होने से अभियुक्त को 7 अगस्त 17 को गवाहों के समक्ष जिला सागर में छोड़ा गया था। थाना या न्यायालय में बिना वैधानिक सूचना दिए जिले में प्रवेश करने के कारण जिला मजिस्ट्रेट पन्ना के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन किया गया था।
जिस कारण अभियुक्त को गवाहों के समक्ष गिरफ्तार कर थाना सुनवानी में उसके विरुद्ध अपराध दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी धीरेन्द्र सिंह मंडलोई ने अभियुक्त को 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 100 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे ने पैरवी की।

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