अभियोजन की ओर से जिला लोक अभियोजक किशोर श्रीवास्तव ने बताया, 7 मई 2011 को आरोपी रामपाल नामदेव ने पत्नी हेमा की गला घोटकर हत्या कर दी थी। घटना दिनांक को मृतका हेमा का शव उसके रिहायशी मकान में अस्वाभाविक परिस्थिति में फंदे पर लटका मिला। उसके पैर जमीन पर थे। एक हाथ ऊपर बंधा था।
आरोपी सुबह घटनास्थल पर था, लेकिन घटना होने के बाद नहीं मिला और फरार हो गया। पुलिस थाना अजयगढ़ ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया। विवेचना उपरान्त अपराध की कायमी की गई। कोर्ट में चालान धारा-306 आइपीसी के अंतर्गत आत्महत्या का मामला प्रस्तुत किया गया।
मामले में कोर्ट ने दोबारा विवेचना का आदेश दिया। जिसमें मृतका की मृत्यु एसटीओ सीएस जैन भोपाल ने हत्यात्मक मेडिकल के आधार पर बताई। इस पर न्यायालय ने आरोपी पर धारा-302 आइपीसी लगाकर सुनवाई की।
मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके अग्रवाल ने आरोपी रामपाल नामदेव पिता देवीदीन निवासी किशनपुर हाल मुकाम चमारनपुरवा, थाना अजयगढ़ को आजीवन सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का निर्णय पारित किया।
प्रकरण पूर्णतया परिस्थितियों पर आधारित होकर सभी परिस्थितियों की कड़ी में कड़ी जोड़ते हुए अभियोजन के प्रकरण में दंड सुनाया गया।