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नेशनल लोक अदालत में निपटे 241 प्रकरण, 50 लाख रुपए से ज्यादा के क्लेम मंजूर

नेशनल लोक अदालत में निपटे 241 प्रकरण, 50 लाख रुपए से ज्यादा के क्लेम मंजूर

पन्नाMar 10, 2019 / 01:33 am

Bajrangi rathore

national lok adalat

पन्ना। मप्र के पन्ना जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण पीके अग्रवाल ने कहा, लोक अदालतों का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। इनसे बहुत सारे प्रकरण आपसी सुलह से निराकृत हो रहे हैं।
लोक अदालत में न्यायिक सहित विभिन्न विभागों के 241 प्रकरण निराकृत हुए। इनमें 50 लाख 82 हजार 505 रुपए के क्लेम मंजूर हुए। लोक अदालत ने 364 पक्षकारों के होठों को मुस्कान दी। छोटे-छोटे कारणों से लंबे समय से प्रकरणों के निराकरण की राह देख रहे पक्षकारों को लोक अदालत ने संतोष के साथ निराकरण का अवसर दिया। लोक अदालत में बीमा, बैंक, विद्युत मंडल, नगरपालिका, सहित विभिन्न विभागों के प्रकरणों का निराकरण किया गया।
सहमति से सुलझा पति-पत्नी का विवाद

अमानगंज थाना क्षेत्र निवासी युवक ने परिवार परामर्श केंद्र को की शिकायत में बताया, पत्नी उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त करती है। खाना भी समय पर बनाकर नहीं देती है इससे वह काम नहीं कर पाता है। परिवार परामर्श केंद्र ने पत्नी को बुलाकर जानकारी ली। पत्नी ने बताया, पति प्रतिदिन नशे की हालत में घर आता है और मारपीट करता है।
खाना-खर्चा भी नहीं देता है इससे दोनों के बीच आए दिन विवाद होता है। मेरे परिजनों के लिए गाली-गलौज भी की जाती है। दोनों पक्षों को समझाने के बाद साथ में रहने को तैयार हो गए। परामर्श केंद्र में १० मामलों को आपसी सहमति से निपटाया गया।
मारपीट का भी मामला निपटा

प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी कल्लीबाई एवं पति टिडमिया से अनीताबाई एवं सिरदरिया अहिरवार व उसका लड़का रज्जू उर्फ भूपत ने घर में घुसकर मारपीट की थी। जब फरियादी गांववालों को बचाने के लिए चिल्लाई तब आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। मामले में रिपोर्ट की गई लेकिन कार्रवाई नहीं की गई तब परिवाद दायर किया गया।
मामला दण्ड विधि संहिता की धारा 294, 323, 452, 506बी/34 के तहत दंडनीय होकर न्यायालय मनोज कुमार तिवारी प्रथम श्रेणी के समक्ष प्रस्तुत हुआ, जिसमें पक्षकारों को समझाइश दी गई। आपसी समझौते के तहत प्रकरण का निराकरण किया गया।
हिंसा का मामला निपटा

न्यायालय में फरियादी सोनम ने पति विजय सिंह के विरुद्ध घरेलू हिंसा का मामला प्रस्तुत किया था। दहेज में 1 लाख रुपए और बाइक की मांग का आरोप लगाया था। आवेदिका डेढ़ साल की बच्ची दिव्या के साथ मायके में रह रही थी। लोक अदालत की खण्डपीठ पीठासीन वंदना सिंह एवं सुलहकर्ता सदस्यों ने पति-पत्नी को समझाइश दी।
दोनों ने आपसी मनमुटाव को दूर करते हुए एक-दूसरे के साथ रहने की सहमति व्यक्त की। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा, अपर जिला न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश आमोद आर्य, पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाहा, समीक्षा सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, नृपेन्द्र सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम आदि उपस्थित रहे।
पवई में भी लोक अदालत

पवई कोर्ट में भी लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश आरके रावतकर के न्यायालय के 405 प्रकरणों में से 46 का निराकरण किया गया। इसी प्रकार धीरेन्द्र सिंह मंडलोई न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी के न्यायालय से 44 प्रकरणों में से 7 का निराकरण किया गया।
जय पाटीदार न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी के न्यायालय से 34 प्रकरणों में से 15 का निराकरण किया गया। इसके अतिरिक्त नगर परिषद के 59 प्रकरणों में से 16 का निराकरण किया गया,जिसमें 38084 राशि वसूल की गई।
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