बीते साल समाजसेवियों द्वारा श्रमदान अभियान के तहत नदी और घाटों के साथ ही पुल के आसपास सफाई की थी, इससे हालात कुछ ठीक हुए थे। इस साल नदी की हालत फिर खराब हो गई है। जिम्मेदार ध्यान ही नदी दे रहे हैं। गौरतलब है कि भीषण गर्मी में पतने नदी के कलेही घाट के आसपास ही पानी बचा है, लेकिन नदी की सफाई नहीं होने के कारण पानी उपयोग लायक नहीं बचा है।
पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है। आम जनता के चुनावी व्यस्तता के चलते इस साल श्रमदान अभियान भी नहीं चल पाया। बताया गया कि बीते साल प्रशासन द्वारा जनकपुर बागरन टोला तालाब की खुदाई कराई गई थी। संसाधनों की कमी के चलते यह काम अधूरा रह गया था। समुचित देखरेख के अभाव में नदी, तालाब और कुएं सूख रहे हैं।