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एमपी के इन अधिकारियों को नहीं वैध-अवैध खदानों की जानकारी, कार्रवाई क्या खाक करेंगे

locationपन्नाPublished: Jun 25, 2019 12:00:42 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

एमपी के इन अधिकारियों को नहीं वैध-अवैध खदानों की जानकारी, कार्रवाई क्या खाक करेंगे

No MPs of these MPs - information of illegal mines

No MPs of these MPs – information of illegal mines

पन्ना। मप्र में चल रहे तबादला उद्योग का असर जिले में भी दिखाई दे रहा है। बीते दो माह में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकांश अधिकारियों के तबादले हो गए हैं। नए अधिकारियों को क्षेत्र और विभाग की स्थिति की सही जानकारी नहीं है। इसी कारण जिम्मेदार अधिकारियों को क्षेत्र में चल रही वैध-अवैध फर्शी-पत्थर खदानों की जानकारी नहीं है।
ऐसे हालात में अधिकारी कार्रवाई क्या करते होंगे इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। शाहनगर में अवैध रूप से चल रही खदानें आय का नियमित स्रोत बन जाती हैं इससे उनपर जिम्मेदारों की मेहरबानी बनी रहती है। एक सप्ताह तक लगातार क्षेत्र के जंगलों और उससे लगे राजस्व क्षेत्र का मुआयना कर करीब दो दर्जन खदानों के बारे में पता लगाया गया।
यहां मिलते हैं उच्च गुणवत्ता वाले फर्शी-पत्थर

गौरतलब है कि पवई, शाहनगर, कल्दा और सलेहा क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाला फर्शी-पत्थर पाया जाता है। यहां बारिश के सीजन को छोड़कर हमेशा फर्शी-पत्थर की खदानें चलती रहती हैं। क्षेत्र में करीब ४० किमी. जंगल के अंदर तक खदानें संचालित पाई गई हैं। इनके संबंध में प्रशासन को जानकारी भी दी गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे कि कौन सी खदान अवैध है और कौन सी वैध।
यहां चल रहीं खदानें

वन क्षेत्र का दौरा करने पर पाया गया कि खदान संचालक पेड़ों को काटकर करीब १० फीट गहरा गड्ढा खोदकर खदान शुरू कर देते हैं। क्षेत्र में जहां खदानें संचालित पाई गई हैं उनमें ग्राम सुर्रु में 1, घोना में 2, ताला के राजबंधियन में 3, मचबंधियन में 3, छुल्हा में 3, दहैड़ा में 3, बूची में 1, परेबागार पुल के सामने 1, जमड़ा झिरिया में 1, सत्धारा 1, कचौरी जंगल में 1, पुरैना में 1, बिसानी में मंडी के पीछे 4, महिलवारा 1, महगवां सरकार 1, बीजाखेड़ा में 1, करोंदी में 1, उमरिया ग्यावार में 1, उचेहरी में 3 खदानें संचालित होना पाया गया।
तय नहीं कर पा रहे वैध-अवैध

इन खदानों की जानकारी खनिज विभाग के अधिकारी और एसडीएम को भी है पर अधिकारी तय नहीं कर पाए कि इनमें से कौन सी खदानें वैध हैं और कौन सी अवैध। अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा करने और मामले में जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन जरूर दिया है। अवैध फर्शी-पत्थर को वैध बनाने किसी एक खदान का पिटपास बनवा लिया जाता है।
सिर पर रखकर ढोते पटिया, पूरे जंगल में डंप

भ्रमण के दौरान पाया गया कि जहां खदानें चल रही हैं यदि वहां तक वाहन का पहुंचना संभव नहीं है तो खदान संचालक मजदूरों से एक-एक पटिया सिर पर रखवाकर वहां तक लाते हैं जहां वाहनों का पहुंचना संभव हो। इसके बाद वहीं पर फर्शी पत्थर का डंप लगा दिया जाता है।
वन क्षेत्र में खदान संचालकों द्वारा लगाए गए ऐसे सैकड़ों से भी अधिक फर्शी-पत्थर के ढेर पाए गए। ताला के राजबंधियन, मचबंधियन, छुल्हा, दहैड़ा, बेटी, परेबगार पुल के पास सहित एक सैकड़ा स्थानों पर फर्शी-पत्थर के ढेर लगे हैं।
भारी मात्रा में पेड़ों की चढ़ा दी बलि

यह भी पाया गया कि खदान संचालकों ने भारी मात्रा में पेड़ों को काटकर जंगल में वाहनों को पहुंचने के लिए रास्ता बनाया है। दर्जनों खदानें चल रही हैं और हजारों की संख्या मेंं पेड़ों को काटा गया है। इसके बाद भी वन, राजस्व, खनिज और पुलिस विभाग किसी को भी न सूचना लगी और न ही किसी को कार्रवाई के लिए समय मिला।
मुझे जानकारी नहीं है। अभी हाल ही में मेरी यहां पदस्थापना हुई है। 2 दिन शाहनगर और 2 दिन पवई का दौरा अवश्य करुंगा। अवैध खदान चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। मामले की जानकारी कलेक्टर को दी है।
आरके पांडेय, जिला खनिज अधिकारी
इतनी बड़ी संख्या में खदानें चलने की जानकारी मुझे नहीं है। में शीघ्र दौरे पर रहूंगा। अवैध उत्खनन करने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा।
अभिषेक सिंह ठाकुर, एसडीएम, शाहनगर

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