किसान एक-दो दिन और इसी तरह से बारिश की उम्मीद कर रहे हैं। बारिश के प्रभाव के कारण दिन के अधिकांश समय सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। इससे लोगों को उनके दर्शन नहीं हो सके और तापमान 12 डिग्री पर रहने के बाद भी अन्य दिनों की गलन ज्यादा रही। मौसम में आए बदलाव से जनजीवन प्रभावित रहा।
गौरतलब है कि मौसम में यह बदलाव दो दिन पूर्व प्रदेश के ग्वालियर सहित कुछ हिस्सों में बारिश के बाद आया। आसामान में बदलों का डेरा रहने के बाद 5-6 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम स्तर पर चल रहा पारा अचानक 12 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था। मौसम विभाग द्वारा बारिश की आशंका जताई जा रही थी। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार सुबह जिलेभर में करीब आधे घंटे तक बारिश हुई।
बारिश की ये बूंदें फसलों के लिए अमृत के समान फलदायी हैं। किसान विक्रम सिंह ने बताया, इसी तरह से एक-दो दिन और बारिश हो जाए तो फसलों का काफी फायदा होगा। यहां फसलों को नुकसान की आशंका: बारिश के बाद आमनगंज क्षेत्र के सूरजपुरा, छोटी सुनवानी, बड़ी सुनवानी, गढ़ी करहिया, खरोल सहित कुछ अन्य गांवों में ओले गिरे। इससे इन क्षेत्रों की फसलों को नुकसान की बात कही जा रही है।
किसानों के अनुसार इन दिनों कुछ फसलों में फुल लगे हैं तो कुछ में फल लग रहे हैं। ऐसे हालात में ओले गिरने से फसलें जमीन में गिर गई हैं। यदि अब मौसम खुल जाता है और फसलें धूप में उठ जाती हैं तो नुकसान कम होगा। आगामी एक-दो दिनों तक मौसम इसी प्रकार रहा तो नीचे गिरे फसल के दाने पतले पड़ जाएंगे और कुल उत्पादन प्रभावित होगा।
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम बारिश के कारण ठंड बढऩे से अधिकांश लोग अपने-अपने घरों में ही दुबके रहे। सुबह छत्रसाल पार्क में घूमने आने वालों की संख्या बहुत ही कम रही। जो लोग पार्क पहुंचे हुए थे उनमें से कुछ लोग बारिश में भीग भी गए। इसी तरह से बाइपास रोड पर घूमने जाने वालों की संख्या बुधवार को अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही। सुबह देर तक लोग घरों में ही रहे। स्कूलों में अन्य दिनों की अपेक्षा कम संख्या में बच्चे पहुंचे।
फिर लौटी ठंड, जलने लगे अलाव बारिश का असर मौसम में साफ तौर पर देखा गया। सुबह बारिश हुई और दिनभर में अधिकांश समय सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। बादलों के कारण दिन का न्यूनतम तापमान भले ही 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, लेकिन ठंड पांच डिग्री से नीचे वाले तापमान के स्तर की ही लग रही है।
ठंड हवा के कारण गलाव भी बढ़ा है। इसका असर सामान्य जनजीवन पर देखा गया है। करीब एक सप्ताह से लोग ठंड का असर कम होता महसूस कर रहे थे, लेकिन बारिश ने बढ़ा दिया है। जगह-जगह फिर से अलाव जल उठे हैं।