सोमवार की सुबह करीब 10.45 बजे अमानगंज जाने वाले लोगों ने झाडिय़ों के नीचे बाघ को आराम करते देखा और शाम करीब 5 बजे लौटे तो बाघ वहीं टहल रहा था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाघ ने करीब-करीब पूरा दिन एक ही स्थान में बिताया। जिससे उसकी सुरक्षा में तैनात वनकर्मियों की दिनभर सांसें फूलती रही।
दर्जन से भी अधिक वनकर्मी तैनात भाजपा नेता राजकुमार वर्मा ने बताया, जरूरी काम से वे सोमवार सुबह अमानगंज जा रहे थे। सुबह करीब 10.45 देखा कि ग्राम तारा से पहले तारा मोड़ में झाडिय़ों के नीचे बाघ आराम फरमा रहा था। उसके आराम में किसी प्रकार की बाधा नहीं पहुंचे इसके लिए दर्जन से भी अधिक वनकर्मी तैनात किए गए थे।
मार्ग में कई बार दिख चुके हैं बाघ
पन्ना-अमागंज मार्ग पर बीते छह माह में दर्जनों बार बाघ को देखा गया है। पूर्व में ग्राम अकोला के पास सुबह करीब ४ बजे लोगों ने बाघ को सडक़ पार करते देखा था। एक बार शाम के समय तीन बाघों को एकसाथ सडक़ पार करते हुए खखरी से जंगल में जाते देखा गया था। इससे पूर्व एक बार शाम के समय ही एक अन्य बाघ को सड़क पार करते समय देखा गया था। उक्त मार्ग में माह में एक-दो बार लोगों को बाघ दिख जाते हैं।
पन्ना-अमागंज मार्ग पर बीते छह माह में दर्जनों बार बाघ को देखा गया है। पूर्व में ग्राम अकोला के पास सुबह करीब ४ बजे लोगों ने बाघ को सडक़ पार करते देखा था। एक बार शाम के समय तीन बाघों को एकसाथ सडक़ पार करते हुए खखरी से जंगल में जाते देखा गया था। इससे पूर्व एक बार शाम के समय ही एक अन्य बाघ को सड़क पार करते समय देखा गया था। उक्त मार्ग में माह में एक-दो बार लोगों को बाघ दिख जाते हैं।
दोनों ओर बाघों का आना-जाना मार्ग के एक ओर टाइगर रिजर्व का कोर जोन है और दूसरी ओर बफर जोन। दोनों ओर समृद्ध वन पर्याप्त पानी और शिकार की उपलब्धता के कारण मार्ग के दोनों ओर बाघों का आना-जाना लगा रहता है। मार्ग में अचानक बाघ के आ जाने से राहगीरों की सुरक्षा को हमेशा खतरा बना रहता है।
उक्त मार्ग में बाघों का आना-जाना लगा रहता है। बाघ बफर जोन से आया होगा। सुरक्षा संबंधी कोई समस्या नहीं है। जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। लोगों को वाहनों की रफ्तार कम रखने और सजगता के साथ वाहन चलाने के निर्देश हैं।
विवेक जैन, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व
विवेक जैन, फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व