स्थानीय प्रशासन मौन
मामले की जानकारी होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इससे यहां पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। पंप ऑपरेटरों के आंदोलन के कारण इसके कारण यहां के करीब डेढ़ हजार घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। हालात यह है कि ये लोग एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं। लोगों को पीने के लिए और दैनिक उपयोग के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्राम कस्बा के लोगों ने शांति समिति की बैठक में भी पंचायत में पानी की सप्लाई नहीं होने के मामले को उठाया था। एसडीएम ने मामले में ग्राम पंचायत को फटकार लगाते हुए तत्काल पानी सप्लाई शुरू कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन ग्राम पंचायत ने उनके निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं लिया। इसको लेकर लोगों में भारी असंतोष है।
जानकारी के अनुसार शाहनगर कस्बा में नदी और बोरिंग से पेयजल की आपूर्ति की जाती है। नदी से होने वाली पेयजल की आपूर्ति के लिए ७०० कनेक्शन हैं। जिनके बदले ग्राम पंचायत कनेक्शनधारियों से ५० से ८० रुपए प्रतिमाह वसूली करती है। इसी प्रकार से बोरिंग से होने वाली सप्लाई से ६०० लोगों के कनेक्शन हैं। जिनके लिए पंचायत में प्रति कनेक्शन २००० रुपए जमा कराए गए हैं। दोनों से जल आपूर्ति सप्लाई के लिए आधा दर्जन पंप ऑपरेटर तैनात हैं। बताया गया कि इन पंप ऑपरेटरों की भर्ती १९८४ में पीएचई द्वारा ५०० रुपए के मानदेय में भर्ती किया गया था। आज ३५ साल बाद भी उन्हें महज ३००० रुपए प्रतिमाह मानदेय मिल पा रहा है। इतनी कम राशि में वे अपना परिवार भी नहीं चला पा रहे हैं। इससे सभी पंप ऑपरेटरों से मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर काम बंद आंदोलन कर दिया है। इससे बीते छह दिनों से नगर में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इससे कस्बा के लोग एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं।
मामले की जानकारी होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इससे यहां पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। पंप ऑपरेटरों के आंदोलन के कारण इसके कारण यहां के करीब डेढ़ हजार घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। हालात यह है कि ये लोग एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं। लोगों को पीने के लिए और दैनिक उपयोग के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्राम कस्बा के लोगों ने शांति समिति की बैठक में भी पंचायत में पानी की सप्लाई नहीं होने के मामले को उठाया था। एसडीएम ने मामले में ग्राम पंचायत को फटकार लगाते हुए तत्काल पानी सप्लाई शुरू कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन ग्राम पंचायत ने उनके निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं लिया। इसको लेकर लोगों में भारी असंतोष है।
जानकारी के अनुसार शाहनगर कस्बा में नदी और बोरिंग से पेयजल की आपूर्ति की जाती है। नदी से होने वाली पेयजल की आपूर्ति के लिए ७०० कनेक्शन हैं। जिनके बदले ग्राम पंचायत कनेक्शनधारियों से ५० से ८० रुपए प्रतिमाह वसूली करती है। इसी प्रकार से बोरिंग से होने वाली सप्लाई से ६०० लोगों के कनेक्शन हैं। जिनके लिए पंचायत में प्रति कनेक्शन २००० रुपए जमा कराए गए हैं। दोनों से जल आपूर्ति सप्लाई के लिए आधा दर्जन पंप ऑपरेटर तैनात हैं। बताया गया कि इन पंप ऑपरेटरों की भर्ती १९८४ में पीएचई द्वारा ५०० रुपए के मानदेय में भर्ती किया गया था। आज ३५ साल बाद भी उन्हें महज ३००० रुपए प्रतिमाह मानदेय मिल पा रहा है। इतनी कम राशि में वे अपना परिवार भी नहीं चला पा रहे हैं। इससे सभी पंप ऑपरेटरों से मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर काम बंद आंदोलन कर दिया है। इससे बीते छह दिनों से नगर में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इससे कस्बा के लोग एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं।
पंप ऑपरेटरों की हड़ताल से हुई समस्या
ग्राम पंचायत द्वारा जल आपूर्ति व्यवस्था ठप होने के छठें दिन कस्बा में टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की गई। पंचायत की ओर से टैंकर की व्यवस्था किए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। इससे पहले तक लोग धरमपुर और ज्योतिष पिपरिया से पानी लाते थे। इससे उन्हेंं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी था। यही कारण है कि मामले को लेकर लोगों ने शांति समिति की बैठक में भी मामले को उठाया था। जिसको लेकर एसडीएम ने पंचायत को फटकार भी लगाई थी। तहसीलदार संदीप सिंह ने मामले में सचिव कुलभूषण चतुर्वेदी, रोजगार सहायक राघवेन्द्र सिंह और सरपंच पति टंटोली सोनी से पंचायत के आवश्यक रिकार्ड एवं समस्या संबंधी जानकारी ली। वहीं इसी मामले को लेकर पंप ऑपरेटरों द्वारा एसडीएम को भी ज्ञापन सौंपकर मानदेय बढ़ाने की मांग की गई है। पंप ऑपरेटर शिवचरण यादव, वीरेन्द्र यादव, सुनील शर्मा, मुन्ना सोनी, बिहारी यादव, बलबीर सिंह ने मानदेय को ३ हजार रुपए से बढ़ाकर ५ हजार रुपए प्रतिमाह करने की मांग की है।
ग्राम पंचायत द्वारा जल आपूर्ति व्यवस्था ठप होने के छठें दिन कस्बा में टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की गई। पंचायत की ओर से टैंकर की व्यवस्था किए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। इससे पहले तक लोग धरमपुर और ज्योतिष पिपरिया से पानी लाते थे। इससे उन्हेंं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी था। यही कारण है कि मामले को लेकर लोगों ने शांति समिति की बैठक में भी मामले को उठाया था। जिसको लेकर एसडीएम ने पंचायत को फटकार भी लगाई थी। तहसीलदार संदीप सिंह ने मामले में सचिव कुलभूषण चतुर्वेदी, रोजगार सहायक राघवेन्द्र सिंह और सरपंच पति टंटोली सोनी से पंचायत के आवश्यक रिकार्ड एवं समस्या संबंधी जानकारी ली। वहीं इसी मामले को लेकर पंप ऑपरेटरों द्वारा एसडीएम को भी ज्ञापन सौंपकर मानदेय बढ़ाने की मांग की गई है। पंप ऑपरेटर शिवचरण यादव, वीरेन्द्र यादव, सुनील शर्मा, मुन्ना सोनी, बिहारी यादव, बलबीर सिंह ने मानदेय को ३ हजार रुपए से बढ़ाकर ५ हजार रुपए प्रतिमाह करने की मांग की है।