श्रीजी की सवारी निकाले जाने के साथ ही गरबा शुरू हो गया जो पूरी रात चला। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में लोगों को पैर रखने की भी जगह नहीं मिल पा रही थी। पर्व को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
इस अवसर पर दिनभर प्रबुद्धजनों के प्रवचन और धार्मिक, अध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सलिसिला चलता रहा। प्राणनाथ मंदिर में चल रही धार्मिक गतिविधियों में बृज व जागिनी रास की लीलाओं का मंचन युवक-युवतियों द्वारा किया जा रहा है। यह आयोजन सुबह पांच बजे तक चला।
जुगल किशोर मंदिर में भी धूम बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। सुबह से ही नगर सहित आसपास के ग्रामों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हुआ जो रात 10 बजे तक जारी रहा। शरद पूर्णिमा के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं, जिसके अंतर्गत भोग के रूप में 750 ग्राम खोवा के पेड़े बनाए जाते हैं।
इसको 6 भागों में बांटकर महिलाएं किशोरजी मंदिर में राधिका रानी को सखी भाव से एक भाग अर्पित करती हैं। राधा रानी को एक भाग अर्पित करने के बाद एक भाग प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण कर उपवास पूरा करती हैं।
बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुतियां आयोजन के तहत प्राणनाथ संगीत महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं ने भी प्रस्तुति दी। महाविद्यालय की प्राचार्य अर्चना शर्मा ने बताया, छात्र-छात्राओं द्वारा बृजलीला व रासलीला के अंतर्गत प्रस्तुतियां वाणी के आधार पर दी जा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय धामी समाज के बच्चों द्वारा व दूरदराज से आए श्रद्धालु सुंदरसाथ के बच्चों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। मंचीय कार्यक्रम सुबह से देर रात सतत चलता रहता है।