scriptबाघों की दहशत से सहमे पन्ना और दमोह | Panna and Damoh agree with the terror of tigers | Patrika News

बाघों की दहशत से सहमे पन्ना और दमोह

locationपन्नाPublished: Sep 24, 2018 12:15:09 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

बाघों की दहशत से सहमे पन्ना और दमोह

 Panna and Damoh agree with the terror of tigers

Panna and Damoh agree with the terror of tigers

दमोह.पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के सुरक्षित कोर जोन से निकलकर दो बाघ बीते कुछ दिनों से दमोह जिले के रेगुरल फारेस्ट में घूम रहे हैं। बाघों को रेडियो कॉलर नहीं लगा होने के कारण उनकी सुरक्षा की चिंता ने जहां एक ओर वन अमले की रातों की नींद ***** कर दी है वहीं दूसरी ओर करीब आधा दर्जन गांवों के लोग बाघ की दहशत के साए में हैं। बाघ के आवासीय बस्ती के नजदीक होने से जंगल में आश्रित लकड़हारे लकड़ी लेने और लोग मवेशी चराने तक नहीं जा पा रहे हैं।
साथ ही लोगों पर बाघ के अटैक का दहशत भी है। इसके साथ ही बाघ रेगुरल फारेस्ट में उतने सुरक्षित नहीं हैं जितने कोर जोन में होते हैं। इससे दमोह वन विभाग के लिए बाघों की सुरक्षा अहम सवाल बन गया है। गौरतलब है कि पांच दिनों से दमोह मुख्यालय से सटे गांवों में पन्ना टाइगर रिजर्व से भागे बाघ की मूवमेंट लगातार सामने आ रही है। यह बाघ रविवार की सुबह दमोह जिले के नरसिंहगढ़ चौकी क्षेत्र के गांवों में देखा गया है, जबकि 12 घंटे पहले ही यह बाघ जेरठ गांव में था। बताया गया है कि बाघ लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार फिलहाल बाघ जिस रास्ते पर चल रहा है वह रास्ता टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में ले जा सकता है। वहीं बाघ के लगातार रहवासी इलाकों के इर्द गिर्द सामने आने की वजह से मवेशियों और इंसानों पर अटैक की आशंका है।
नरसिंहगढ़ चौकी क्षेत्र पहुंचा बाघ

वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जो बाघ पांच दिन पहले दमोह जिले के बालाकोट गांव में था वह यहां से भूरी गांव पहुंच गया था। यहां वह दो दिन रहा और फिर जिला मुख्यालय दमोह से सटे इलाके हथनी बीट के लाडऩबाघ की ओर पथरिया थाना क्षेत्र का रास्ता पकड़ लिया था।
शनिवार की दोपहर में बाघ की मौजूदगी पथरिया थाना क्षेत्र के जेरठ गांव में थी। वहीं रविवार सुबह बाघ यहां से करीब १५ किलोमीटर दूर नरसिंहगढ़ चौकी क्षेत्र में कारीजोग खेजरा होते हुए मुडिय़ा पालर क्षेत्र में होना बताया गया है।
इंसान को खतरा

गांव के नजदीक खेतों में बाघ की मौजूदगी उसके लिए खतरा बनी हुई है। इसके अलावा दमोह जिले में शिकारियों की भी भरमार है। आए दिन जिले के जंगलों में वन्य प्राणियों के शिकार होने के मामले सामने आते रहते हैं। बाघ की लगातार बदलती स्थिति व उसका रहवासी इलाकों की ओर बढऩा बाघ व इंसान दोनों के लिए खतरा बना है।जिन स्थानों पर बाघ के मौजूद रहने की बात सामने आई है वहां लोग अपने खेतों में जाने से भी डर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो