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पन्ना जिले में विधायकों के लिए विकास बड़ी चुनौती

locationपन्नाPublished: Dec 14, 2018 01:28:42 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

पन्ना जिले में विधायकों के लिए विकास बड़ी चुनौती

Panna district

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पन्ना। मतदान के बाद जिले की तीनों विस क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। ऐसी स्थिति में पवई और पन्ना के भाजपा विधायकों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और खुद के द्वारा किए वादों को पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
जिले में बेरोजगारी, पलायन, कुपोषण आदि गंभीर समस्याएं हैं। यहां एक भी औद्योगिक इकाई नहीं होने से रोजगार का अभाव है। जिले में तकनीकी और उच्च शिक्षा के बेहतर संस्थान नहीं होने से छात्र-छात्राओं को १२वीं के बाद दूसरे को शहरों को जाना पड़ता है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से अब पन्ना-पवई विधायकों के लिए जनता की उम्मीदों को पूरा करना चुनौतीभरा काम होगा। गौरतलब है कि जिले की तीन विधानसभा सीटों में से पन्ना से बृजेंद्र प्रताप सिंह और पवई से प्रहलाद लोधी (दोनों बीजेपी) चुनाव जीते हैं, जबकि गुनौर से कांग्रेस के शिवदयाल बागरी ने चुनाव जीता है।
अभी ये हैं प्रमुख समस्याएं

पन्ना जिला औद्योगिक इकाई विहीन जिला है। यहां वन और राजस्व सीमा विवाद व पर्यावरणीय कारणों से हजारों की संख्या में हीरा व पत्थर खदानें बंद पड़ी हैं। यही खदानें सदियों से लोगों के लिए रोजगार का बड़ा साधन हुआ करती थीं। इनके बंद होने से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। जिले में मनरेगा की हालत भी खराब है। लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों द्वारा मनरेगा में काम उपलब्ध होने के सिर्फ दावे ही किए जाते हैं।
ये घोषणाएं की थी शिवराज सिंह ने

गौरतलब कि पूर्व मुख्यमंत्री ने जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान पन्ना में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज लाना, डायमंड पार्क की स्थापना और हीरा कारोबार को बढ़ावा देने के प्रयास करने, पन्ना का मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकास, पन्ना का टूरिस्ट सिटी के रूप में विकास करना और जिला अस्पताल का 300 बिस्तरों के अस्पताल के रूप में उन्नयन की घोषणाएं की थी।
इसी तरह से पवई में भी मोहंद्रा और गुनौर को नगरीय का दर्जा देने की घोषणा की थी। आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए जमीन का आवंटन हो चुका है और विभन्न पदों की स्वीकृति भी हो चुकी है। इसके अलावा जिला अस्पताल के उन्नयन के कार्य को भी कैबिनेट में मंजूरी मिल चुकी थी।
पॉलीटेक्निक कॉलेज के इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में उन्नयन का मामला कैबिनेट में प्रस्तावित है। मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में उन्नयन को लेकर भी प्रकिया शुरू हो चुकी है। नगर पालिका द्वारा 11 सितंबर को मिनी स्मार्ट सिटी को लेकर आयोजित निगरानी समिति की बैठक में 21 करोड़ के कामों को मंजूरी दी जा चुकी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम के अनुसार पूर्व सीएम ने जनआशीर्वाद यात्रा में जो घोषणाएं की थीं, वे प्रक्रिया में आ चुकी हैं। वे घोषणाएं सीएम की थीं, इससे आने वाली सरकार को भी उन पर काम करना चाहिए। सभी घोषणाओं पर सरकार का रुख देखने के बाद हम उन्हें पूरा कराने के लिए संघर्ष करेंगे। विधायकों द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए कहा जाएगा।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिव्यारानी सिंह का कहना है कि सरकार के शपथ लेने के साथ ही मांगों को रखा जाएगा। विधायकों द्वारा भी जनता की मांगों को सदन में रख जाएगा। हम प्रयास करेंगे कि अस्पताल का उन्नयन कार्य शुरू पूरा हो। इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर कॉलेज के शिक्षा सत्र भी इसी साल से शुरू कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
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