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किसान को मिला 6.29 कैरेट का हीरा, रातों रात बन गया अमीर

locationपन्नाPublished: Jun 16, 2022 12:03:20 pm

– चमक गई ढाई एकड़ जमीन के मालिक किसान की किस्मत

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पन्ना। ग्राम जरुआपुर निवासी सुनील कुमार (40) को उथली खदान क्षेत्र से जेम क्वालिटी वाला 6.29 कैरेट का हीरा मिला है। इस हीरे की कीमत 30 लाख रुपए बताई जा रही है। सुनील ने साथियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय आकर हीरा जमा कर दिया है।

कार्यालय के हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि 6.29 कैरेट वजन का हीरा गुणवत्ता के लिहाज से काफी अच्छा है। इस हीरे को नीलामी में रखा जाएगा। बताया जाता है कि सुनील ने दो साल पहले भी हीरे की खदान लगाई थी, लेकिन तब सफलता नहीं मिली थी।

बताया जाता है कि उसने 5 अन्य साथियों के साथ मिलकर हीरा कार्यालय से 10 बाई 10 का हीरा खदान खोदने के लिए निजी खेत मे पट्टा लिया था।

आज उसी में खुदाई के दौरान है यह उज्जवल किस्म का हीरा प्राप्त हुआ है।किसान ने कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में हीरा जमा कर दिया है। हीरा कार्यालय पन्ना के हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि 6.29 कैरेट वजन का हीरा है।

कहा जा रहा है कि हीरा जेम क्वालिटी का है, जिसकी अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है, लेकिन अभी उसकी कीमत नहीं बताई जा सकती। हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि इस हीरे को कार्यालय में जमा करवा दिया है। अगली नीलामी में इसे रखा जाएगा। नीलामी के बाद मिलने वाली राशि से 11.5 परसेंट शासन की रायल्टी काटकर बांकी रकम हीरा धारक के खाते में भेज दी जाएगी।

हीरा धारक सुनील कुमार ने बताया कि आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए वो दो साल से हीरा खदान लगाकर हीरा की खोज कर रहा था, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा था।

मेरे पास ढाई एकड़ जमीन है, जिससे परिवार का खर्चा चला पाना बहुत मुश्किल होता है। हीरा मिलने के बाद सुनील काफी खुश हैं। उनका कहना है कि जुगल किशोर जी ने उनकी प्रार्थना को सुन लिया है। उन्हीं की वजह से मुझे यह हीरा मिला है। अब हम अपने परिवार और बच्चों की सही से परवरिश कर सकेंगे। आर्थिक तंगी की वजह से हम बच्चों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर चिंतित रहते थे।

पहले भी यहां चमक चुकी है किसानों की किस्मत…
अभी कुछ ही समय पहले भी मध्य प्रदेश के पन्ना में हीरा खदान में खुदाई करते हुए एक किसान को लाखों का हीरा मिला था। जो करीब 11.88 कैरेट का हीरा था, और उसकी अनुमानित कीमत 50 लाख रुपये बताई गई थी।

इस संबंध में उस समय हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया था कि किसान प्रताप सिंह यादव को यह हीरा जिले के पट्टी इलाके में एक खदान से मिला। प्रताप एक मजदूर के रूप में भी काम करते हैं। इस हीरे को आगामी नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा और कीमत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार तय की जाएगी।

कुआं निवासी प्रताप सिंह यादव ने गरीबी से परेशान होकर बीते फरवरी में ही सरकारी हीरा कार्यालय में आवेदन लेकर 10 बाई 10 का एक हीरा खदान खोदने के लिए पट्टा स्वीकृत कराया था, जिसमें उसने दिन रात मेहनत की और आज उसकी किस्मत बदल गई।

एक चर्चा में प्रताप सिंह यादव ने कहा था कि मैं एक छोटी सी कृषि भूमि वाला एक गरीब आदमी हूं। मैं एक मजदूर के रूप में भी काम करता हूं। मैं पिछले तीन महीनों से इस खदान में कड़ी मेहनत कर रहा हूं और यह हीरा प्राप्त कर हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है। इस हीरे की नीलामी से जो भी धन मिलेगा, मैं उसका उपयोग कोई व्यवसाय स्थापित करने और अपने बच्चों की शिक्षा के लिए करूंगा।

निजी अनुमान के मुताबिक हीरे की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा की आंकी गई थी। अधिकारियों ने कहा कि कच्चे हीरे की नीलामी की जाएगी और इससे होने वाली आय को सरकारी रॉयल्टी और करों की कटौती के बाद किसान को दिया जाएगा।

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