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Panna kidnapping case: दो बार पहले भी किया था अपहरण का प्रयास, फिर पथरिया में सिलवाई पुलिस की वर्दी

locationपन्नाPublished: Feb 01, 2018 08:39:48 pm

Submitted by:

suresh mishra

आरोपियों में चार दमोह जिले के, मुख्य आरोपी देवराज अब भी फरार, २७ जनवरी की रात को हुआ था अपहरण

Panna kidnapping case: Police solved Panna girl kidnapping case

Panna kidnapping case: Police solved Panna girl kidnapping case

पन्ना। आखिरकार 80 घंटे बाद सागर जोन के एक दर्जन थानों की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। बुधवार को पुलिस ने पन्ना जिले के अमानगंज थाना अतंर्गत हुए युवती के अपहरण का खुलासा कर दिया। टीकमगढ़ जिले की बल्देवगढ़ पुलिस ने युवती को बरामद कर लिया, लेकिन उसके साथ मौजूद मुख्य आरोपी देवराज भाग निकला। अपहरणकांड की पूरी साजिश दमोह जिले के हटा व पथरिया में रची गई थी। इसके पूर्व भी आरोपियों ने दो बार डायल-100 से ही अपहरण करने का असफल प्रयास किया था।
आरोपियों ने पथरिया में खाकी वर्दी सिलवाई तो पुलिसकर्मियों व पायलट को बंधक बनाने के लिए रस्सी व अन्य सामान हटा से खरीदा गया था। इस मामले में खुलासा भी दमोह में पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर ही हुआ। उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने सागर जिले के बंडा में सघन सर्चिंग कर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने यहां सर्चिंग में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली थी।
लड़की को लेकर दिल्ली, नोएडा भी गया देवराज
पन्ना में मामले का खुलासा करते हुए एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि युवती का अपहरण करने के बाद आरोपी उसे अपने वाहन से दमोह, सागर, भोपाल, इंदौर, गुना होते हुए शिवपुरी पहुंचे थे। जहां अन्य आरोपी वाहन से वापस आ गए। इसके बाद देवराज सिंह लड़की को लेकर आगरा , दिल्ली चला गया था। वह बुधवार को सुबह ही टीकमगढ़ लौटा था।
पवई थाना और बीट प्रभारी के भूमिका की भी जांच
एसपी के अनुसार देवराज जिलाबदर आरोपी था, जिसका रजिस्टर भी मेंटेन किया जाता है। मामले में जानकारी सामने आई है कि आरोपी पूरे घटनाक्रम की प्लानिंग करने पूर्व में भी दो बार पवई थाना क्षेत्र में आ चुका था। इसके बाद भी पवई थाना प्रभारी, बीट प्रभारी और सूचना तंत्र से जुड़े लोगों ने सूचना नहीं दी। पूरे मामले में अमानगंज पुलिस से ज्यादा लापरवाही पवई पुलिस की सामने आई है।
यह था पूरा मामला
बुधवार को पन्ना एसपी रियाज इकबाल ने मामले से पर्दा उठाते हुए बताया कि 27 जनवरी को 23.26 बजे डायल 100 को जानकारी मिली थी कि एक व्यक्ति शराब के नशे में उत्पात कर रहा है। लोकेशन पर पुलिस ग्राम टाई महेबा तिराहा पहुंची, वहां एक आदमी जमीन पर पड़ा था। डायल 100 स्टाफ जब उस व्यक्ति को उठाने लगी तो जमीन पर पड़े बदमाश ने प्रधान आरक्षक के सीने पर कट्टा अड़ा लिया था, इस बीच 4 बदमाशों ने कर्मचारियों को घेर लिया था। इसके बाद मुख्य आरोपी देवराज के साथ अन्य बदमाशों ने रस्सी के सहारे पुलिसकर्मियों को बांध दिया था।
दूसरी गाड़ी से युवती को लेकर फरार

फिर आरोपी डायल-100 वाहन से ग्राम बमुरहा पहुंचे थे, जहां उन्होंने युवती का अपहरण कर लिया था। आरोपी इसके बाद ग्राम टाई आए और डायल-100 वाहन छोड़कर पुलिसकर्मियों की जेब से पर्स, रुपए व आईडी छीनकर पहले से खड़ी दूसरी गाड़ी से युवती को लेकर फरार हो गए थे। प्रदेश स्तर पर इस तरह की सनसनीखेज वारदात से समीपस्थ थानों को चौकस कर दिया गया था और घटना के आरोपियों को तलाशने पुलिस सक्रिय हो गई थी।
पहले के प्रयास हुए नाकाम
धर्मेंद्र की गिरफ्तारी के बाद दमोह पुलिस ने उसे पन्ना पुलिस को सौंप दिया था। सख्त पूछताछ के बाद सामने आया कि इन बदमाशों द्वारा पूर्व में भी दो बार घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया था। पहली बार 18 जनवरी को थाना गुनौर के डायल 100 वाहन को इनके द्वारा सूचना दी गई, लेकिन डायल 100 वाहन के अन्य जगह जाने से वाहन वहां नहीं पहुंचा था। दूसरी कोशिश 27 जनवरी को गई थी, जिसमें पवई के डायल-100 वाहन को घटना की सूचना दी गई, लेकिन तब भी डायल-100 ड्यूटी के कर्मचारी के लिए जिस नंबर से फोन किया गया था उस व्यक्ति को पहचानता था, इसलिए संदेह होने की बात पर बदमाशों ने मोबाइल बंद कर दिया था। इसके बाद तीसरा प्रयास किया, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई थी।
हटा से हुई थी पहली गिरफ्तारी
पन्ना पुलिस की विवेचना, मुखबिरी व तकनीकी लोकेशनों के आधार पर मामले की पहली गिरफ्तारी दमोह जिले के हटा थाना कुलवाकला निवासी धर्मेंद्र सिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत की गई। यह गिरफ्तारी दमोह पुलिस द्वारा ही कराई गई थी। जिसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल एक 315 बोर का कट्टा व 4 जिंदा कारतूस जब्त किए गए थे।
पुलिस की कहानी में पेंच
पुलिस द्वारा बताई गई कहानी में पेंच हैं। जब पुलिस ने युवती को आसानी से बरामद कर लिया तो उसके साथ जो आरोपी था, वह कैसे फरार हो गया। पुलिस यह भी नहीं बता रही कि तमौरा में किस के घर और युवती को कब बरामद किया गया। मामले को लेकर एसपी कुमार प्रतीक का कहना था कि आरोपी की तलाश में पुलिस की पांच टीम तमौरा के जंगल में सर्चिंग अभियान चला रही हैं। उन्होंने आरोपी की जल्द गिरफ्त होने की बात कही है।
मुख्य आरोपी ने दिया था कर्जा
वारदात में शामिल आरोपियों को देवराज सिंह ने 50-50 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद डेढ़ लाख रुपए बाद में देने की बात तय हुई थी। बदमाशों द्वारा पुलिस की वर्दी पथरिया निवासी छोटू टेलर से सिलवाई गई थी। इसके लिए एक हजार रुपए में खाकी वर्दी का कपड़ा खरीदा गया था। हटा बजरिया में आनंद खुराना की दुकान से पुलिस जर्किन तथा पेट्रोल पंप हटा के सामने की दुकान से नायलोन की रस्सी खरीदी गई थी। इस घटना में पांच बदमाश शामिल थे।
इनकी हुई थाना पथरिया से गिरफ्तारी
प्रकरण में विशेष दल द्वारा आरोपी रक्कू उर्फ राजेश रैकवार पिता भवानी रैकवार निवासी लखरौनी, आरोपी राजेश सिंह पिता खुमान सिंह निवासी टीला, थाना पथरिया व आरोपी हेमराज कुर्मी पिता मुरलीधर कुर्मी निवासी मिर्जापुर, थाना पथरिया को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त वाहन एमपी 35 सीए 2182 तथा एक पिस्टल, एक 315 बोर का कट्टा व 07 जिन्दा कारतूस, मोबाइल फो एवं अन्य प्रयुक्त सामग्री जप्त की गयी है।
तीन राज्यों की पुलिस कर रही थी सर्चिंग
अपहरण कांड में डायल-100 वाहन का प्रयोग का अपने तरह का प्रदेश में इकलौता मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी। मामले की गंभीरता इसी से समझी जा सकती थी कि मामले पर डीजीपी की सीधी नजर थी। सर्चिंग ऑपरेशन में सागर जोन के सभी जिलों की पुलिस के साथ ही यूपी पुलिस की मदद ली जा रही थी। इसके साथ ही दिल्ली-नोयडा में आरोपी की लोकेशन मिलने पर दिल्ली पुलिस की भी सर्चिंग अभियान में मदद ली गई। एसपी के अनुसार पूरे मामले में दिल्ली पुलिस का सहयोग सराहनीय रहा है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका

उक्त कार्रवाई में आईजी सागर सतीश कुमार सक्सेना, एसपी पन्ना, एसपी सागर, एसपी दमोह, एसपी टीकमढ़, के साथ ही उप्र पुलिस, दिल्ली पुलिस तथा सायबर सेल सागर, सायबर सेल पन्ना, पुलिस थाना हटा, जिला दमोह, पुलिस थाना पथरिया, जिला दमोह, पुलिस थाना बंड़ा, जिला सागर, पुलिस थाना बल्देवगढ़, जिला टीकमगढ़ तथा जिला पन्ना के थाना प्रभारी अजयगढ़, थाना प्रभारी कोतवाली, पन्ना, थाना प्रभारी देवेन्द्रनगर, थाना प्रभारी अमानगंज, थाना प्रभारी सलेहा आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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