पत्रिका द्वारा बीते दिन कल्दा क्षेत्र में दर्जनभर से भी अधिक गांवों में अवैध फर्शी पत्थर खदानों की ओर ध्यान आकृष्ट कराए जाने के बाद प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक खदानों में कार्रवाई करके करीब पांच ट्रक फर्शी पत्थर नष्ट कर औपचाकिरता पूरी की थी। इसके बाद कार्रवाई नहीं होने से फिर बड़े पैमाने पर कारोबार शुरू हो गया है।
एक लाइसेंस पर चार-पांच खदानें संचालित गौरतलब है कि पवई व कल्दा के वन व राजस्व क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में फर्शी पत्थर की खदानें अवैध रूप से चल रही हैं। घोना, ककरी, उचेहरी, बछौन, जमड़ा, झिरिया, सूझा, बंडोरा, बीजा, खिलसारी, खिरवा, भैंसा, खोदी आदि गांवों सहित जंगल व राजस्व क्षेत्रों में अवैध रूप से सैकड़ों खदानें चल रही हैं।
इन खदानों के खिलाफ प्रशासन ने बीते दो साल से कोई कार्रवाई नहीं की है। पूर्व में सीमांकन की कार्रवाई के दौरान यह बात सामने भी आ चुकी है कि एक लाइसेंस पर चार-पांच खदानें चलाई जा रही हैं। असरदारों द्वारा तो बगैर अनुमति के ही खदानों का संचालन किया जा जा रहा है। यहां से 8-10 ट्रक फर्शी पत्थर प्रतिदिन निकलता है जो जबलपुर होकर यूपी-बिहार सहित कई राज्यों को भेजा जाता है। खदानों से बड़ी मात्रा में पत्थर निकालने पूरे पहाड़ को खोखला किया जा रहा है।
कार्रवाई के नाम पर पूरी की औपचारिकता पवई और कल्दा क्षेत्र के वन व राजस्व भूमि में अवैध रूप से चल रही अवैध खदानों के संबंध में पत्रिका ने 29 जनवरी के अंक में समाचार को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अमले ने 1 फरवरी को बछौन और जैतपुरा की आधा दर्जन अवैध खदानों पर कार्रवाई कर करीब पांच ट्रक फर्शी पत्थर बरामद किया था।
ताया जाता है कि अवैध खनन को प्रभावी कार्रवाई करने के लिए प्रशासन स्तर पर टीम का गठन भी किया गया है, लेकिन रेत का मामला हो चाहे पत्थर का अवैध खनन कहीं रुकता नहीं दिख रहा है।
जंगल बचाने के प्रयास नहीं गौरतलब है कि कल्दा क्षेत्र में जिले का सबसे सघन वन क्षेत्र है। यहां जंगल और पहाड़ों की पूरी श्रंखला है। इस सघन वन क्षेत्र में जंगलों को काटने और पहाड़ों को खोखला कर रुपए बनाने की खुली परमिशन है। अधिकारियों-कर्मचारियों की हालत यह है कि जहां जंगल है उसे बचा नहीं रहे और जहां जंगल नहीं बचे हैं वहां करोड़ों की लागत से जंगल उगा रहे हैं।
यदि जंगली क्षेत्र को ही संरक्षित कर दिया जाए तो करोड़ों की लागत से नया जंगल लगाने की जरूरत ही नहीं बचेगी। एसडीएम, पवई अभिषेक सिंह का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व अवैध खनन पर कार्रवाई की गई थी। जहां भी अवैध खनन की सूचना मिलती है वहां कार्रवाई की जाती है।
तहसीलदार, पवई एनके चौरसिया के अनुसार जिस स्तर पर अवैध खनन हो रहा है वहां कार्रवाई करने संयुक्त विभागों की टीम होगी। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने टीम का गठन किया है। खदानों के सीमांकन की कार्रवाई चल रही है। इससे वैध और अवैध खदानें चिह्नित हो जाएंगी।