दुनियाभर के ठंडे देशों में ठंड के मौसम में तापमान हिमांक बिंदु से काफी नीचे चला जाता है। जिससे उन स्थानों पर जीवन की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इस सीजन में अपने आप को बचाए रखने ये प्रवासी पक्षी हजारों किमी. की यात्रा करके अपेक्षाकृत कम ठंडे प्रदेशों की ओर चले जाते हैं। यहां वे पूरे ठंड के समय रुकते हैं और प्रजनन करके वंश वृद्धि भी करते हैं। इसके बाद फरवरी पहले व दूसरे सप्ताह से गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो जाते हैं।
कोई अकेला रहना पसंद करता है कोई समूह में देसी: शरीर के ऊपरी भाग का रंग रेतीला-भूरा सिर व गर्दन काली होती है। जमीन पर बतख जैसे चलते हैं। नर और मादा एक ही जैसे दिखते हैं। पैरों के ऊपरी भाग पर सफेद व नर्म पंख होते हैं।
हिमालयी: पहाड़ों पर छोटे समूहों की तलाश में लंबी दूरियां तय करते हैं। पंखों के मध्य सीने पर लाल रंग का स्पॉट होता है। चोंच पीली सी होती है व पैर गुलाबी रंग के होते हैं।
राजगिद्ध: यह मरे हुए जानवरों को खाने के लिए दूसरे गिद्धों के जाने का इंतजार करते हैं। मनुष्य के आने से पहले उड़ जाते हैं। इसका सिर, टांग एवं सीना लाल रंग का होता है। लाल और काले पंखों के बीच सफेद पैरों की पट्टी होती है।
सफेद गिद्ध: पंख सफेद होते हैं। भोजन की तलाश में यह व्यापक क्षेत्रों का भ्रमण करता है। घोसला चट्टानों, पेड़ों व पुराने भवनों में बनाया है। सभी प्रजातियों के गिद्ध हैं यहां पन्ना टाइगर रिजर्व में भारत में पाई जाने वाली गिद्धों की सातों प्रजातियों का हैबीटेट विद्यमान है। प्रतिवर्ष प्रवासी गिद्धों की प्रजातियां भी शरद ऋतु में पन्ना टाइगर रिजर्व में देखी जाती रही हैं।
इस वर्ष भी धुंधुआ सेहा में प्रवासी गिद्ध यूरोशियन जिफ्रान एवं हिमालयन जिफ्रान की दोनों प्रजातियां ठंड प्रारंभ होते ही देखी जा रही हैं। वर्तमान में ये गिद्ध झुंडों में धुंधुआ सेहा में धूप सेकते हुए पर्यटकों द्वारा देखे जा रहे हैं। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं।
गिद्धों की गणना 12 से पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन, कोर जोन सहित सामान्य वन मंडलों में में गिद्धों की गणना 12 जनवरी को होने जा रही है। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। 21 व 22 दिसंबर को इस संबंध में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। गणना का काम 12 जनवरी को सुबह 5 से 9 बजे तक होगा।
टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार बाघों की गणना समाप्त होने के बाद अब वन विभाग विलुप्त होती वन्य जीव प्रजाति के गिद्धों की गणना करने जा रहा है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा 54 स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां पर बहुतायात में गिद्ध देखे जाते हैं।
विभाग का पूरा अमला गिद्ध की गणना के लिए 12 जनवरी को एक साथ वन परिक्षेत्र में उतरेगा। निर्धारित किए गए स्थानों के अलावा उत्तर वन मंडल और दक्षिण वन मंडल में भी गणना की जाएगी। वन विभाग के अफसरों के अनुसार 12 जनवरी को एक साथ शुरू हो रहे गणना कार्य में आम लोग भी शामिल हो सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि गणना का काम एक दिन में ही पूरा करना है। चिह्नित स्थानों के लिए कर्मचारियों की तैनाती का काम पूरा कर लिया गया है। गिद्धों की गणना के लिए वन टाइगर रिजर्व द्वारा वन रक्षक, वनपाल से लेकर बड़ी संख्या में अमला तैनात किया जा रहा है।