पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते कुछ महीनों में अधिकारियों के बीच चल रही तनानती के करण बाघों की सुरक्षा भी प्रभावित होने की आशंका है। जानकारी के अनुसार रविवार सुबह करीब ६ बजे एनएच से गुजर रहे लोगों ने देखा कि हरसा गेट के पास से एक बाघ सड़क पार कर रहा था।
लोगों ने बाघ के रोड क्रास करने के दौरान वीडियो बनाए और सोशल मीडिया में शेयर किया। एनएच पर बाघ के आवागमन का नया रूट शुरू हो जाने से यहां खतरा और भी अधिक बढ़ गया है।
अधिकारियों में जंग, सुरक्षा की चिंता गौरतलब है कि इन दिनों पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक केएस भदौरिया व डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौजिया के बीच चल रही जंग की जानकारी भोपाल में बैठे वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी है। सूत्रों के अनुसार इन उच्च अधिकारियों ने क्षेत्र संचालक भदौरिया व डिप्टी डायरेक्टर के बीच सुलह कराने का प्रयास भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पार्क के इन दोनों अधिकारियों के बीच विवाद की शुरुआत पन्ना बफर क्षेत्र में पर्यटन प्रारंभ करने की योजना को लेकर हुई थी। डिप्टी डायरेक्टर कन्नौजिया जहां बफर क्षेत्र में पर्यटन शुरू किये जाने के सख्त खिलाफ हैं, वहीं क्षेत्र संचालक भदौरिया इस योजना को मूर्तरूप देने के कार्य को अपनी प्रतिष्ठा बना लिया और येन केन प्रकारेण विरोध के बावजूद उन्होंने विगत 30 जनवरी से पन्ना बफर क्षेत्र में विधिवत पर्यटन शुरू करा दिया।
पन्ना बफर के अकोला गेट से पर्यटन का शुभारंभ किये जाने के अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर वासु कन्नौलिया नहीं पहुंचीं, जो चर्चा का विषय रहा। पार्क के प्रति प्रतिबद्ध अधिकारी-कर्मचारी हो रहे परेशान
पार्क के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच चल रही तनातनी और विवाद से पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी गुटबाजी को बढ़ावा मिल रहा है। आलम यह है कि अधिकारी व कर्मचारी दो खेमों में विभाजित नजर आ रहे हैं। जो लोग इस गुटबाजी से दूरी बनाकर चल रहे हैं उनकी मुसीबत भी कम नहीं है, क्योंकि वे जिस अधिकारी के पास जाते हैं तथा निर्देशों का पालन करते हैं उससे दूसरा अधिकारी खफा हो जाता है।
बाघों की सुरक्षा व पार्क के हित में काम करने वाले ऐसे कर्मचारी इन दो पाटों के बीच ***** रहे हैं, जिससे व्यवस्थायें छिन्न-भिन्न हो रही हैं। पन्ना के बाघों से प्रेम करने वाले तथा पर्यावरण हितैषी मौजूदा विवाद व गतिरोध से खासे क्षुब्ध हैं। उनका कहना है कि यदि बाघों से आबाद हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व को बचाना है, तो इन दोनों ही अधिकारियों से निजात पाना होगा, अन्यथा बाघों पर खतरा मंडराता ही रहेगा।