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बाघिन का बदला रेडियो कॉलर, दो साल से मिल रहे थे कमजोर सिग्नल, जानिए फिर क्या हुआ

locationपन्नाPublished: Mar 16, 2019 08:40:32 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

बाघिन का बदला रेडियो कॉलर, दो साल से मिल रहे थे कमजोर सिग्नल, जानिए फिर क्या हुआ

panna tiger reserve

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पन्ना। मप्र के पन्ना जिले के पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघिन पी-222 को ट्रेंकुलाइज कर रेडिया कॉलर को बदल दिया है। बदले रेडियो कॉलर के साथ बाघिन के सामान्य रूप से व्यवहार करने की बात कही गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर केएस भदौरिया ने बताया, परिक्षेत्र चन्द्रनगर में बाघिन टी-2 के दूसरे लिटर की दूसरी संतान पी-222 का रेडियो कॉलर बदला गया।
बाघिन को वर्ष 2014 में रेडियो कॉलर पहनाया गया था। रेडियो कॉलर द्वारा निरंतर बाघिन की मॉनीटरिंग की जा रही थी, परन्तु रेडियो कॉलर की अवधि पूर्ण होने के कारण विगत दो वर्षों से कॉलर के सिग्नल काफी कमजोर हो गए थे। इस कारण बाघिन की मॉनीटरिंग में कठिनाई आ रही थी। पी-222 को रेडियो कॉलर पहनाने के लिए कई बार प्रयास किया गया किन्तु उसके दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में विचरण करने के कारण संभव नहीं हो सका था।
सही लोकेशन पर किया गया ट्रेंकुलाइज

प्रबन्धन द्वारा काफी समय से उचित लोकेशन की तलाश की जा रही थी। परिक्षेत्र चन्द्रनगर में पी-222 के उचित स्थान पर होने की जानकारी प्राप्त होते ही तत्काल रेडियो कालर पहनाने के लिए निर्धारित टीम को रवाना किया गया। पी-222 के रेडियो कालरिंग की कार्यवाही निर्विघ्न पूर्ण की गई।
यह कार्यवाही फील्ड डायरेक्टर के नेतृत्व में की गई। संपूर्ण तकनीकी कार्य डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। इस कार्य में जरांडे ईश्वर रामहरी, उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व ने प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने का कार्य किया। रेडियो कालरिंग का कार्य नवीन कुमार शर्मा एवं तकनीकी सहयोगी तफसील खां द्वारा किया गया।
इस कार्यवाही में प्रतिभा शुक्ला, सहायक संचालक मड़ला, भुवनेश कुमार योगी परिक्षेत्र अधिकारी चन्द्रनगर ने मौके पर उल्लेखनीय प्रशासनिक एवं व्यवस्थागत सहयोग प्रदान किया। पी-222 की सर्चिंग में हाथी महावतों का विशेष योगदान रहा।
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