जंगल में आग लगने से होने वाले नुकसान के संबंध में लोगों को बताया जा रहा है। मुनादी भी कराई जा रही है। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर केएस भदौरिया ने बताया, बीते वर्षों की तहर इस वर्ष भी गर्मी में जंगल में आग नहीं लगे, इसकी पूरी व्यवस्था कर ली गई है। उन्होंने बताया, 16 गांव के लोगों को पार्क का भ्रमण कराया गया और उन्हें जंगल दिखाने के साथ ही महत्व और उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई।
पत्तों में आग नहीं लगाने की हिदायत महुआ के फूल बीनने पत्तों में आग नहीं लगाने की हिदायत दी गई है। आग लगाने के स्थान पर उन्हें पेड़ों के नीचे के हिस्सों की सफाई करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा आसपास के गांवों में मुनादी कराकर लोगों से जंगल को आग की लपटों से बचाने की अपील की जा रही है।
इस कार्य में ग्रामीणों को भागीदार बनाने हर घर के एक सदस्य को मिलाकर समूह बनाए गए हैं। इन समूहों के लोग वन कर्मचारी के साथ जंगल की गश्ती भी करते हैं। उन्हें आग नहीं लगाने और किसी और को भी आग नहीं लगाने देने की शपथ दिलाई जा रही है। जंगल के अंदर चौकीदार भी तैनात किए गए हैं।
कोर जैसी करेंगे बफर की सुरक्षा टाइगर रिजर्व के कोर जोन और टेरिटोरियल फारेस्ट में बीते कुछ महीनों में कई शिकारियों के पकड़े जाने को लेकर उन्होंने बताया, विभाग सजगता से काम कर रहा है, इसीलिए अब शिकारी वारदात को अंजाम देने से पहले ही पकड़े जा रहे हैं।
उन्होंने बताया, बफर जोन के जंगलों की भी कोर जोन की तरह सुरक्षा किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 54 नए अस्थायी कैंप बनाए गए हैं, जिनमें कर्मचारी 24 घंटे मौजूद रहते हैं। यह उनका अनुभव है कि शिकार और वनों की कटाई रोकने का यही सबसे बेस्ट तरीका है।