जानकारी के अनुसार, पन्ना कटनी मार्ग के अकोला बफर क्षेत्र अंतर्गत सड़क किनारे एक बाघ का शव मिलने से पीटीआर प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है। आपको बता दें कि बाघ पी 111 शव सड़क किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है, जिसकी उम्र 13 वर्ष की थी। राहगीरों द्वारा बाघ की मौत की सूचना पीटीआर प्रबंधन को दी गई। जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे पीटीआर के फील्ड डारेक्टर उत्तम कुमार शर्मा एवं अधिकारी कर्मचारियों ने आनन फानन में शव को घटनास्थल से उठवा कर राजबरिया गेट के अंदर शिफ्ट करवा दिया, जहां पोस्टमार्टम उपरांत शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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बाघ की किडनी में था इंफेक्शन!
पीटीआर के फील्ड डारेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि, बाघ की मौत का कारण प्रथम दृष्टया प्राकृतिक समझ आ रहा है। पोस्टमार्टम में अनुमान लगाया गया है कि, बाघ की किडनी में इंफेक्शन था। लेकिन, बाघ का अंतिम संस्कार करवा दिया गया है।
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उठ रहे हैं सवाल
आपको बता दें कि, वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में 75 के लगभग छोटे बड़े बाघ विचरण कर रहे है, जिसमे करीब 16 बाघ अकोला बफर क्षेत्र में घूम रहे हैं। वहीं, पन्ना कटनी मार्ग के अकोला बफर क्षेत्र में इसके पहले दो वर्ष पहले दीपावली के समय सड़क दुर्घटना में एक बाघ की मौत हुई थी और बीते दो वर्ष में पीटीआर में लगभग 6 बाघों की मौत हो चुकी है। आज गुरुवार के दिन सड़क किनारे बाघ का शव मिलने से प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है।
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