मजदूरी का भुगतान नहीं करने के साथ उन्हें धमकी भी दी है। परेशान होकर मजदूरों ने महिलाओं और बच्चों सहित कलेक्ट्रेट में डेरा डाल दिया है। मामले की जानकारी लगने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर मनोज खत्री ने मौके पर पहुंचकर पीडि़तों का आवेदन लेकर डीएफओ दक्षिण को मामले की जांच के निर्देश दिए। वहीं मजदूरों को रात में रुकने के लिए रैन बसेरा में व्यवस्था कराई गई है।
कलेक्ट्रेट परिसर में भूखे-प्यासे बैठे मजदूरों ने कलेक्टर को की शिकायत में बताया, वे सभी उमरिया जिले के निवासी हैं। कल्दा रेंज के धरमपुरा बीट में पौधरोपण कार्य के लिए बीते एक माह से गड्ढा खोदने का काम कक्ष क्रमांक पी-873 और पी- 874 में किया है।
कार्य समाप्त होने के बाद भुगतान संबंधितों ने नहीं किया है। रुपए मांगने पर जिम्मेदार टाल मटोल करते रहे। जब खाने के लिए लाले पड़े तो रुपए मांगने पर मारपीट की धमकी दी गई। करीब 40 दिन तक काम करने की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।
मचा हड़कंप विभाग के कर्मचारियों द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं करने से परेशान होकर मजदूर महिलाओं और बच्चों सहित दोपहर में कलेक्ट्रेट पहुंचकर डेरा डाल लिए। गृहस्थी के सामान और बच्चों सहित इतने अधिक लोगों के एकसाथ कलेक्ट्रेट में आने के बाद हड़कंप मच गया।
कर्मचारियों से पूरे मामले के बारे में चर्चा की। समाजसेवी संगठनों से यूसुफ बेग, राहुल निगम सहित अन्य लोगों ने मौके पर पहुंच मामले की जानकारी प्रशासन को दी। पीडि़तों से आवेदन भी लिखवाया गया। शनिवार को मजदूरी का भुगतान कराने की व्यवस्था की बात कही गई।
पहले भी सामने आया था मामला वर्ष २०१७ के अंतिम महीनों में भी इसी प्रकार से एक मामला सामने आया था। जिसमें वन विभाग द्वारा उमरिया और कटनी के दर्जनों मजदूरों से इसी प्रकार से पौधरोपण के लिए गड्ढे खुदवाने का काम किया गया था, लेकिन रुपए का भुगतान नहीं किया गया। मामला कलेक्ट्रेट पहुंचने पर मीडिया और एनजीओ के लोग भी सक्रिय हो गए थे।
उक्त घटना के दूसरे दिन मजदूरों को मजदूरी की राशि का भुगतान कराया गया था। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों को विशेष बस के माध्यम से उनके जिलों तक भेजने की व्यवस्था की गई। उक्त मामले में मजदूरों को रुपए तो मिल गए थे, लेकिन अमानवीय व्यवहार करने वाले वन विभाग के जिम्मेदार लोगों को किसी प्रकार की सजा नहीं मिली थी। इस बार यह मामला कल्दा क्षेत्र से आया है।
पत्थर खदान मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष यूसुफ बेग का कहना है कि मजदूरों के साथ शोषण का मामला सामने आया है। संगठन मौके पर पहुंचा और मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। शर्म की बात है कि सरकार तो बदल गई, लेकिन मजदूरों के साथ शोषण के मामले नहीं बदल पाए।
श्रम पदाधिकारी केएम खिंची के अनुसार मामले की सूचना पर लेबर इंस्पेक्टर को भेजा गया। मजदूरों के बयान लिए गए हैं। जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वन विभाग पर की जाएगी। सुबह तक सभी मजदूरों को भुगतान करवा दिया जाएगा।