खंडहर बावड़ी बनी खूबसूरत
जानकारी के अनुसार यह बावड़ी लोकपाल सागर तालाब से भी प्राचीन बताई जा रही है। लोगों ने बताया कि यह बावड़ी काफी अच्छी हालत में है। यह दो मंजिला है और बेहद खूबसूरती के साथ बनाई गई है। यह डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी हो सकती है। यदि बावड़ी का समुचित रखरखाव कर दिया जाए तो यह शहर के अंदर एक और बेहतरीन निकनिक स्पॉट के रूप में विकसित हो सकती है। फिलहाल चौपड़ा मंदिर और झोर का चौपड़ा शहर के अंदर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचाने जाते हैं।
जानकारी के अनुसार यह बावड़ी लोकपाल सागर तालाब से भी प्राचीन बताई जा रही है। लोगों ने बताया कि यह बावड़ी काफी अच्छी हालत में है। यह दो मंजिला है और बेहद खूबसूरती के साथ बनाई गई है। यह डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी हो सकती है। यदि बावड़ी का समुचित रखरखाव कर दिया जाए तो यह शहर के अंदर एक और बेहतरीन निकनिक स्पॉट के रूप में विकसित हो सकती है। फिलहाल चौपड़ा मंदिर और झोर का चौपड़ा शहर के अंदर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचाने जाते हैं।
फिर बनाने लगे लोग खखरी
स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व जिन खखरी को गिराकर अतिक्रमण हटाया गया था वहां लोग फर से खखरी बनाने लगे हैं। साथ अतिक्रमण कर्ताओं के खिलाफ किस प्रकार की वैधानिक कार्रवाई भी अभी तक प्रस्तावित नहीं किए जाने के कारण तालाब को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई महज औपचारिक ही लग रही है। प्रशासन को तालाब का सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के बाद सीमा क्षेत्र में चिन्ह बना देन चाहिए, जिससे यह पता चले कि तालाब की सीमा कहां तक है और कितने क्षेत्र में अतिक्रमण किया गया है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व जिन खखरी को गिराकर अतिक्रमण हटाया गया था वहां लोग फर से खखरी बनाने लगे हैं। साथ अतिक्रमण कर्ताओं के खिलाफ किस प्रकार की वैधानिक कार्रवाई भी अभी तक प्रस्तावित नहीं किए जाने के कारण तालाब को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई महज औपचारिक ही लग रही है। प्रशासन को तालाब का सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के बाद सीमा क्षेत्र में चिन्ह बना देन चाहिए, जिससे यह पता चले कि तालाब की सीमा कहां तक है और कितने क्षेत्र में अतिक्रमण किया गया है।