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कोतवाली पहुंचा पन्ना राजपरिवार का संपत्ति विवाद

locationपन्नाPublished: Jul 05, 2018 07:51:31 pm

Submitted by:

suresh mishra

शंकराचार्य ने लगाए अभद्रता के आरोप, मामला रामचरण पादुका न्याय और मानस विज्ञान ट्रस्ट की संपत्ति का

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पन्ना। ज्योतिशपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य वसुदेवानंद सरस्वती ने पन्ना राजपरिवार की सदस्य जीतेश्वरी देवी पर अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आश्रम में रहे रहे साधुओं के साथ गाली गलौल कारने और भगवान दास पांडेय को आश्रम से निकालने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मामले की शिकायत कोतवाली पन्ना में भी कराई है। जिसपर पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। मामले में जिला प्रशासन पर भी असहयोग के आरोप लगाए।
शंकराचार्य वसुदेवानंद सरस्वती ने मानस विज्ञान ट्रस्ट परिसर में प्रेस कांफेंस में बताया, पन्ना राजपरिवार की सदस्य रहीं चंद्रकुमारी रघुवंशी ने गिफ्ट डीड के माध्यम से श्रीराम चरण पादुका न्यास मानस स्थली नंदीग्राम लक्ष्मीपुर की संपत्ति को वसुदेवानंद सरस्वती को एकल न्यासी घोषित करते हुए दी थी। उन्होंने बताया, 3 जुलाई को वे यहां आए। उन्हें जानकारी दी गई कि पन्ना राजपरिवार के सदस्य राघवेंद्र सिंह और उनकी जीतेश्वरी देवी यहां आए और उन्होंने फाइलें और एक शांति पत्रक की फोटो कांपी दिखाते हुए कहा, मृतक चंद्रकुमारी रघुवंशी ने 40 लाख रुपए कर्ज लिया था। जिसके ये दस्तावेज हैं। आप रुपए दे वें य संपत्ति खाली कर दें। वे काफी ऊंची आवाज में और अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए बोल रहीं थी। जिससे विवाद की स्थिति बनती देख उनके आश्रम के लोगों ने डायल 100 को फोन कर दिया और कोतवाली पुलिस को भी सूचना दी। इससे कुछ ही समय बाद कोतवाली पुलिस के कुछ लोग भी मौके पर आ गए।

शंकरार्चाय ने बताया, उन्होंने दुखी होकर बरगद के पेड़ के नीचे बैठे राघवेंद्र सिंह को भी बुलाया और उन्हें सुझाव दिया कि यदि उनकी जमीन है और उन्हें लेना है तो वे सरकारी तरीके से आए और इस पर अपना कब्जा ले लें तो हम यहां से चले जाएंगे। यहां पहुंची तहसीलदार पन्ना बबीता राठौर ने भी उन्हें यही सुझाव दिया। इसके बाद राघवेंद्र सिंह वापस चाले गए, जबकि जीतेश् वरी देवी तब तक बैठी रहीं, जब तक कि बारिश शुरू नहीं हो गई।

तहसीलदार के जाने के बाद अपने ताले डाले
शंकराचार्य का आरोप है कि तहसीलदार के जाने के बाद जीतेश् वरी देवी फिर उठी और उनके साथ मौजूद कुछ लोगों के साथ उन्होंने कई स्थानों पर ताले डाल दिए। उनके साथ मौजूद लोग जूते पहने हुए ही मंदिर के अंदर तक गए। साधु-संतों के साथ अभद्रता की। गाली-गलौज की और यहां से नहीं जाने पर जान से मारने की धमकी दी। जिसकेा लेकर उन्होंने यहां के मुख्त्यार शिवार्चन प्रसाद उपाध्याय से पन्ना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसपर पुलिस ने अभी तक किसी प्रकार का अवराध दर्ज नहीं किया। उन्होंने मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की थी। जिसपर जिला प्रशासन ने भी उनकी शिाकयत को गंभीरता के साथ नहीं लिया। यहां रहे रहे साधु भगवान दास पांडये ने जीतेश् वरी देवी पर गाली-गलौज कर उन्हें आश्रम से बाहर करने के आरोप लगाए हैं।
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