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पन्ना में नहीं भर पाए शहर के तालाब, आषाढ़-सावन ने तरसाया, भादो में नहीं गिरा पानी तो स्थिति होगी विकराल

locationपन्नाPublished: Aug 18, 2019 07:04:42 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

बारिश के दो माह निकलने के बाद भी प्यासे हैं नगर को पेयजल आपूर्ति करने वाले तीनों तालाब

pond could not be filled in emerald, situation would be terrible

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पन्ना. बारिश के सीजन के चार माह में से पूरे दो माह अषाढ़ और सावन बीत चुके हैं। सावन के अंतिम दो-तीन दिन छोड़ दें तो करीब पूरा माह सूखा ही निकल गया। इसके कारण शहर को पेयजल की आपूर्ति करने वाले तीन प्रमुख तालाबों के पेट पूरी तरह से खाली हैं। लोकपाल सागर तालाब में तो बारिश के दो माह बीत जाने के बाद भी महज चंद फीट ही पानी है, जबकि धरम सागर तालाब का जल स्तर दो-तीन फीट की बढ़ा है, लेकिन इसमें भी एफटीओ का २५ से 30 फीसदी पानी ही भर पाया है। तालाबों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। अब शहर के लोगों को माह भादों से बारिश की उम्मीद है कि इस माह बारिश अच्छी होगी और तालाबों में पानी आ जाएगा।
बारिश नहीं हुई तो स्थिति होगी खराब
गौतलब है कि जिले में औसत बारिश 1176.04 मिमी. है। इतनी बारिश में निरपत सागर और धरम सागर तालाब लबालब हो जाते हैं। इस साल पूरा अषाढ़और सावन माह निकल चुका है। सावन के अंतिम दो-तीन दिनों को छोड़कर शेष महीना सूखा ही निकल गया। एक जून से अभी तक जिले की औसत बारिश 518.9 मिमी. ही हो पाई है। इसमें भी पन्ना तहसील में 463.2 मिमी. ही बारिश हो पार्इ है। यह औसत बारिश का 50 फीसदी भी नहीं है। इसी कारण जिला मुख्यालय को पेयजल की आपूर्ति करने वाले तीनों तालाबों की स्थिति बहुत ही खराब बनी हुई है। जिला मुख्यालय को पेयजल आपूर्ति करने वाले प्रमुख तालाबों की स्थिति इस प्रकार है। हालात यह है कि दो माह की बारिश के बाद तालाबों की स्थिति देखने के बाद लोगों की सांसें फूलने लगती हैं। उन्हें यह समझ में नहीं आता है कि यदि बारिश की रफ्तार ऐसे ही रही तो शहर को सालभर पानी की सप्लाई कैसे होगी।
लोकपाल सागर तालाब
यह शहर के सबसे बड़े तालाबों में से है। करीब 400 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला यह तालाब सिंचाई के लिहाज से बनाया गया था। बाद में नगर पालिका द्वारा इसे माह मई और जून में पानी सप्लाई के लिए सिंचाई विभाग से लिया जाता था लेकिन अब इससे पूरे साल पानी की सप्लाई की जाती है। इस तालाब में खेरमाई मंदिर के पास स्थित नाला और पहाड़कोठी के पास से पानी आता था। अब दोनों स्रोतों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। तालाब के अधिकांश कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण होने के कारण यहां पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाता है, जिससे तालाब नहीं भर पाता है। बताया गया कि बीते 10 साल से तालाब अधिकतम जल भराव क्षमता (एफटीओ) तक नहीं भर पाया है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद तालाब का वाटर लेबिल करीब एक फीट बढ़ गया है।
अभी बारिश का इंतजार है
जल सप्लाई प्रभारी उपयंत्री बीके कोरी ने बताया कि तीनों तालाबों में अभी तक करीब एक चौथाई पानी ही आया होगा। सही स्थिति अभी पता नहीं है। ईईपीएचई ने तालाबों का सर्वे भी किया है। उन्हें अभी तक तालाबों में पानी के सही स्थिति की जानकारी होगी।
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