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खुद के दम पर तालाब का कर दिया गहरीकरण, नहीं मिली सरकारी मदद

locationपन्नाPublished: Jun 02, 2019 01:02:18 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

खुद के दम पर तालाब का कर दिया गहरीकरण, नहीं मिली सरकारी मदद

 Pond's on-the-wall grid, not found government help

Pond’s on-the-wall grid, not found government help

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले के मोहंद्रा के चंदेल कालीन मढ़ातालब के गहरीकरण के लिए जन सहयोग से चार साल से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस दिशा में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन दिनों तालाब में जन सहयोग से गहरीकरण का काम चल रहा है, लेकिन अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाने के कारण कुछ ही दिनों बाद यह काम हर साल की तरह फिर बंद हो जाएगा।
स्थानीय लोगों की मांग पर बीते साल तत्कालीन विधायक मुकेश नायक ने 10 लाख रुपए देने की घोषणा की थी और कलेक्टर ने भी गहरीकरण में सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन फिलहाल काम चालू होने के बाद भी कहीं से सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
नहीं मिली 10 लाख रुपए की राशि

ग्रामीणों ने बताया कि तालाब पानी की जरूरतों को पूरा कर सकता है। गांव के लोग रुपए एकत्रित कर चार साल से गहरीकरण करा रहे हैं। जब पहली बार तालाब गहरीकरण का कार्य प्रस्तावित हुआ तो तत्कालीन विधायक मुकेश नायक ने मंच से दस लाख रुपए विधायक निधि से देने की घोषणा की थी।
इसके बाद वे जब भी आए तब लोगों ने घोषणा याद दिलाई इसके बाद भी आज तक उक्त राशि नहीं मिल पाई है। बीते साल साल की गर्मियों में गेहूं खरीद केंद्र का निरीक्षण करने आए कलेक्टर ने रात्रि विश्राम पर मोहन्द्रा में ठहरे थे। यहां कस्बे के करीब दो दर्जन युवाओं ने गहरीकरण में सहयोग मांगा। कलेक्टर ने तालाब के गहरीकरण के लिए आश्वासन दिया था। अभी तक जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है।
हल हो सकती है पानी की समस्या

स्थानीय लोगों ने बताया, तालाब गहरीकरण से क्षेत्र में पानी की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है। तालाब में लोगों के सहयोग से चार साल से कराए जा रहे काम का परिणाम है कि जहां पूर्व में यह तालाब गर्मी के दिनों में खेल के मैदान में तब्दील हो जाता था वहीं अब भी इसके एक हिस्से में पानी भरा है। यह मवेशियों और पशु पक्षियों के पीने के काम में आ रहा है।
यदि इसका समुचित गहरीकरण करा दिया जाए तो क्षेत्र में पानी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तालाब में पानी रहने की स्थिति में आसपास के कुओं में भी पर्याप्त पानी रहता है। इससे भू-जल स्तर में सुधार होगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि तालाब की बेस्ट बीयर भी क्षतिग्रस्त है। इससे यह बारिश के दिनों में भी अपनी क्षमता के अनुसार नहीं भर पाता है। तालाब के रख-रखाव की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है।

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