लोक शिक्षण संचालनायल ने कलेक्टर को इस संबंध में आदेश जारी करने पत्र लिखा है। लोक शिक्षण संचालनायल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखे गए थे। कुछ जिलों में कलेक्टरों द्वारा इस संबंध में स्कूलों को पत्र जारी कर दिए गए थे, लेकिन आचार संहिता लागू हो जाने के कारण अधिकांश जिलों में कलेक्टरों द्वारा इस संबंध में पत्र जारी नहीं किए गए थे।
कलेक्टरों द्वारा संबंधित पत्र जारी नहीं करने वालों में पन्ना जिला भी शामिल है। इसी मामले को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दोबारा कलेक्टर को पत्र जारी किया गया है। एक शाला एक परिसर संबंधी आदेश डीइओ के प्रस्ताव पर कलेक्टर को जारी करने के लिए कहा गया है।
कर्मचारियों की पदस्थापना और तबादले भी इसी नाम से जिले में ऐसे सैकड़ों की संख्या में प्राइमरी स्कूल हैं जो मिडिल, हाइ स्कूल या हायर सेकंडरी स्कूलों में लगते हैं। इसी तरह से मिडिल और हाइ स्कूल स्तर के स्कूल भी हायर सेकंडरी स्कूल परिसरों में लग रहे हैं। इस संबंध में डीइओ के प्रस्ताव पर कलेक्टर के आदेश जारी होने के बाद ऐसे सैकड़ों स्कूलों के नाम में परिवर्तन हो जाएगा जो अपने से बड़ी संस्थान के परिसर में संचालित हो रहे हैं।
एक और बड़ा बदलाव यह होगा कि अब उक्त छोटी संस्थाओं में पदस्थ शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टॉफ को भी मुख्य संस्था का ही माना जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों की पदस्थापना और तबादले भी मुख्य स्कूल के नाम पर ही होंगे। शासन की ओर से की जा रही इस कवायद से शिक्षा के स्तर में किसी प्रकार का सुधार आने की उम्मीद कम ही है।
परीक्षा फॉर्म में ऑनलाइन करेक्शन 15 तक एमपी बोर्ड ने परीक्षा की तिथि जारी कर दी है। यहां बोर्ड ने विद्यार्थियों के लिए दस्तावेज सुधार के लिए एक और मौका दिया है, लेकिन छात्रों को अपने दस्तावेज में सुधार के लिए उसी कियोस्क पर जाना होगा, जहां से उन्होंने परीक्षा फार्म भरा था।
करेक्शन ऑनलाइन होंगे और इसके लिए बोर्ड ने 15 जनवरी तक का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि परीक्षा के बाद बोर्ड के पास ऐसे सैकड़ों आवेदन पहुंचते हैं जिनमें नाम, जन्मतिथि, फोटो या फिर स्पेलिंग संबंधी गलतियों में सुधार की मांग की जाती है। इनकी संख्या कम करने के लिए ही बोर्ड ने यह आदेश दिया है।
एमपी बोर्ड की हाई स्कूल व हायर सेकंडरी परीक्षा के पूर्व बोर्ड के पास इस तरह के पत्र कई संस्थाओं से पहुंचे कि छात्र आज भी फार्म भरते समय हुई गलती को सुधारना चाहते हैं। इसी आधार पर बोर्ड ने तीन सप्ताह का समय दिया है।
तय समय सीमा के बाद हर प्राचार्य को कियोस्क से नॉमिनल रोल लेकर इस बात का प्रमाणीकरण लेना होगा कि अब कोई गलती शेष नहीं है।
तय समय सीमा के बाद हर प्राचार्य को कियोस्क से नॉमिनल रोल लेकर इस बात का प्रमाणीकरण लेना होगा कि अब कोई गलती शेष नहीं है।
इन्हीं नॉमिनल रोल की पहले संभागीय कार्यालय की टीम जांच करेगी। इसके बाद ही दस्तावेज ठीक किए जाएंगे। बोर्ड द्वारा दी गई विशेष छूट के दौरान किसी भी छात्र के नाम के प्रथम कैरेक्टर के संशोधन की अनुमति नहीं रहेगी। बोर्ड के इस निर्णय से जिले के सैकड़ों विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा।
दस्तावेजों में यह हो सकते हैं करेक्शन छात्र, उसके माता-पिता के नाम की स्पेलिंग में हुई गलती में सुधार। फीस में छूट का ऑप्शन गलत होने पर बकाया राशि कियोस्क पर जमा होगी। कक्षा 12 में केवल फोटो एवं विषय में संशोधन संभव। नामांकन डेटा में स्पेलिंग सुधार कक्षा 9 के रिकॉर्ड के आधार पर।