3 दिसंबर को उसकी तबीयत खराब जिला जेल के प्रमुख प्रहरी शिवमंगल प्रसाद पाठक ने बताया कि कालीचरण विश्वकर्मा पिता रामलखन विश्वकर्मा (30) निवासी देवरी गढ़ी थाना देवेंद्रनगर को चोरी के एक मामले में कोर्ट द्वारा छह माह की सजा सुनाई गई थी। कालीचरण विश्वकर्मा जिला जेल में सजा काट रहा था। इसी दौरान 3 दिसंबर रविवार को उसकी तबीयत खराब होने पर उसे ऊपर के बैरक से नीचे रख दिया गया था। जिससे उसे परेशान नहीं हो।
बुधवार की सुबह मौत इसके बाद सोमवार को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसकी इलाज के दौरान बुधवार की सुबह मौत हो गई। बताया कि इन दिनों जेलर अवकाश में होने के कारण अनौपचारिक रूप से जेल की व्यवस्था का जिम्मा उन्हें सौंपा गया था। वहीं मृतक के परिजन जयालाल विश्वकर्मा देवरी गढ़ी का आरोप है कि जेल प्रबंधन द्वारा उनके परिवार को कालीचरण के बीमार होने की सूचना तक नहीं दी गई। अस्पताल में ही भर्ती एक अन्य मृतक के रिस्तेदार ने ही उसके बीमार होने की जानकारी दी थी। अब बताया जा रहा है कि उसे खून की कमी थी।
इलाज नहीं देने के आरोप यदि खून की कमी की जानकारी दी गई होती तो परिवार के लोग खूद देने के लिए तैयार थे, लेकिन जेल प्रबंधन ने परिवार के लोगों को पूर्व में जानकारी ही नहीं दी। जानकारी मिलने के बाद अब 5 दिसंबर की दोपहर रामलखन के चाचा मिलने के लिए गए थे तब उसकी हालत खराब नहीं थी। इसके बाद अचानक सुबह उसके मौत की जानकारी दी गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर समुचित इलाज नहीं देने के आरोप भी लगाए हैं।
मुआवजा दिलाए जाने की मांग परिजनों के अनुसार मृतक के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। अब उनका लालन-पालन कैसे होगा। परिजनों ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। मामले की जानकारी लगने के बाद तहसीलदार बबीता राठौर भी जिला अस्पताल पहुंची थीं। उन्होंने मीडिया को बताया कि ऐसे सभी मामलों में मजिस्ट्रियल जांच होती है। इस संबंध में कलेक्टर की आरे से आदेश जारी किए जाते हैं। इस संबंध में भी ऐसा ही होना चाहिए।
पूरा नहीं हो पाया जेल से छूटने का सपना
परिजनों ने बताया कि कालीचरण की सजा पूरी हो गई थी। आगामी 8 दिसंबर को उसे कोर्ट से हिराई का आर्डर भी मिलने वाला था। इसके पहले वह जेल से छूटपाता जिंदगी ने ही उसका साथ छोड़ दिया। मृतक के पिता रामलखन विश्वकर्मा ने बताया कालीचरण हमेशा कहता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। उसके दोस्तों ने उसे फंसाया है। वह जेल से जल्द से जल्द छूटने के सपने देख रहा था, लेकिन उसकी यह असरत पूरी नहीं हो पाई है।
परिजनों ने बताया कि कालीचरण की सजा पूरी हो गई थी। आगामी 8 दिसंबर को उसे कोर्ट से हिराई का आर्डर भी मिलने वाला था। इसके पहले वह जेल से छूटपाता जिंदगी ने ही उसका साथ छोड़ दिया। मृतक के पिता रामलखन विश्वकर्मा ने बताया कालीचरण हमेशा कहता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। उसके दोस्तों ने उसे फंसाया है। वह जेल से जल्द से जल्द छूटने के सपने देख रहा था, लेकिन उसकी यह असरत पूरी नहीं हो पाई है।