आयोजित विराट दंगल में देश के कई राज्यों से आए लगभग दर्जनों की संख्या में पहलवानों अपना दमखम दिखा कर उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। काई कुश्तियों मे बराबर की टक्कर होने के कारण फैसला बराबर का रहा। दोनों की कुश्ती बराबर रही इसके अलावा विभिन्न राज्यों से दर्जनों की संख्या में पहलवान उपस्थित रहे।
जिनके दोपहर 2.00 बजे से शाम लगभग 6.00 बजे तक लगभग दो दर्जन से भी अधिक कुश्तियां हुई जिनमें विजेता पहलवानों कोशील्ड मैडल और नगद राशि से सम्मानित किया गया कार्यक्रम के संयोजक संजय सिंह राजपूत नें बताया की इस विराट ईनामी अंतर्राज्यीय महादंगल का आयोजन पन्ना नगर के समाजसेवी मनोज केसरवानी के सौजन्य से कराया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व सांसद व पूर्व विधायक लोकेंद्र सिंह रहे व साथ ही शिवजीत सिंह पूर्व मंडी उपाध्यक्ष पन्ना व जिले के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
देर शाम तक इस दंगल कार्यक्रम क्षेत्र वासियों में काफी उत्साह देखा गया मौसम खराब होने के बावजूद भी पच्चीस हजार से भी अधिक दर्शक इस महादंगल प्रांगण में मौजूद रहे जिसमें महिलाओं की संख्या भी हजारों में थी बच्चे, बूढ़े, नौजवानों के अलावा क्षेत्र की माताएं बहने भी पहलवानों की कुश्तियों के मुकाबले देखने के लिए समय से पहले ही महादंगल प्रांगण में उपस्थित हो चुकी थीं प्रांगण दर्र्शकों की भीड़ से खचाखच भर चुका था। मैदान में पैर रखने की जगह भी नहीं दिख रही थी।
पहले तो अधिक भीड़ होने के कारण स्थिति बिगड़ती दिखी मगर धरमपुर थाने के प्रभारी बी.एल. पाण्डेय की सूझबूझ एवं धरमपुर थाना व खोरा चौकी का पुलिस बल स्थिति को काबू में करने में कामयाब रहा। मगर उन्हें पूरे कार्यक्रम के दौरान काफी मशक्कत करनी पड़ी पसीने से तरबतर पुलिसकर्मी कार्यक्रम के आखिरी पल तक मैदान में पूरी मुस्तैदी के साथ डटे रहे। जिनका महादंगल प्रांगण में पधारे क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों सहित महादंगल आयोजन कमेटी ने भी प्रशंसा के साथ सम्मानित किया कार्यक्रम का समापन शाम लगभग 6.00 बजे पंजाब की महिला पहलवान का दिल्ली की महिला पहलवान के बीच मुकाबले के बाद किया गया।
कार्यक्रम के अंत में कुश्ती के भाग लेने वाले खिलाडियों ने कहा कि यह खेल मुख्यत: ग्रामीण क्षेत्र का लोकप्रिय खेल है। मगर अब इसका क्रेज ग्रामीण इलाकों में कम सा होता जा रहा है। विराट दंगल के आयोजकों का धन्यवाद करते हुए कहे कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे आयोजनों में ग्रामीण क्षेत्रों से छिपी प्रतिभाएं निकलकर आती है।