पूरा परिवार रातभर अलाव जलाकर ठंड में ठिठुरता रहा, लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता करना उचित नहीं समझा। शनिवार सुबह लगभग 6.30 बजे कृषि विभाग के सामने चाय दुकान के पास एक महिला, नवजात, पति एवं करीब 4 साल की लड़की साथ अलाव के साथ बैठे मिले।
मार्निंग वॉक से लौट रहे संतोष श्रीवास्तव, अध्यानाथ त्रिपाठी एवं मुकेश खरे ने बताया, गरीब परिवार किसी काम से पवई आया था। साधन नहीं मिल पाने से रात में घर नहीं जा सका। मानवता को शर्मशार करने वाली इस घटना को लेकर नगर परिषद की आलोचना हो रही है।
किराए पर चल रहा रैन बसेरा बेसहारा गरीबों को रात गुजारने नगर में रैन बसेरा तो बनाया गया है, लेकिन परिषद गरीबों को रुकवाने के लिए उपयोग करने की जगह पर किराए से चला रही है। इससे गरीबों को मजबूरी में खुले आसमान तले भीषण ठंड में रात गुजारनी पड़ रही है।
बस स्टैंड परिसर में रैन बसेरा बनाया तो लोगों के उपयोग के लिए था, लेकिन वह आम जनता के उपयोग के लिए नहीं है। यात्री प्रतीक्षालय भी बना है पर बाहरी लोग यहां रुकना नहीं चाहते। रैन बसेरा को किराए पर देने को लेकर भी परिषद के कई पार्षद पूर्व में विरोध कर चुके हैं।
ज्ञात हो कि जिलेभर में इस समय भीषण ठंड का दौर जारी है। ऐसे में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है।