पन्ना

रोजगार देने के मामले में पन्ना जिले का मप्र में 42वां स्थान

रोजगार देने के मामले में पन्ना जिले का मप्र में 42वां स्थान

पन्नाDec 19, 2018 / 01:24 am

Bajrangi rathore

rojgar

पन्ना। मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी देने में पन्ना जिला फिसड्डी साबित हुआ है। मनरेगा की नवंबर की जारी रैंकिंग में पन्ना प्रदेश में 42वें स्थान पर है। जिले में मनरेग की बदहाल स्थिति ने बेरोजगारी और पलायन को बढ़ावा दिया है। मनरेगा की बदहाली के कारण ही जिले में पलायन गंभीर स्तर पर पहुंच गया है।
जिले में मनरेगा की यह स्थिति आला अधिकारियों की कार्यशैली व जनप्रतिनिधियों की गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है। अधिकारी चुनावी मौसम का तर्क दे सकते हैं।प्रदेशभर में यही स्थिति थी। केवल पन्ना के साथ नहीं था। यानी, स्थानीय अधिकारी हितग्राही मूलक योजनाओं को लेकर कितने संवेदनशील हैं, देखा जा सकता है।
रैंकिंग जारी

मनरेगा को लेकर जिलेवार रैंकिंग 14 दिसंबर को जारी की गई है। इसे जीवी रश्मि आयुक्त मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने जारी किया है। विंध्य का सबसे कमजोर जिला सतना साबित हुआ है। रैंकिंग में सतना को ४०वां स्थान मिला है। रीवा २२वां, सीधी २४वां व सिंगरौली को ३८वां स्थान मिला है।
100 में 42 अंक

इस रैंकिंग के लिए 100 नंबर का मूल्यांकन किया गया था। इसमें पन्ना को मात्र 42 अंक मिले हैं। यानी बड़ी मुश्किल से थर्ड डिविजन पास हुआ है। अधिकारियों ने हालत सुधारने की ओर कभी ध्यान नहीं दिया है।
सतना को भी 42 अंक

बुंदेलखंड का पन्ना जिला मनरेगा में लोगों को काम देने के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है, जबकि यहां सबसे अधिक बेरोजगारी है। इसके कारण पलायन भी बढ़ा है। निर्धारित 100 नंबर में पन्ना जिले को 42 अंक मिले हैं। सतना व पन्ना के अंक लगभग समान हैं। लेकिन, अन्य मूल्यांकन के आधार पर पन्ना पिछड़ गया है।
शहडोल पहले नंबर पर काबिज

बड़े जिले के लिए विंध्य का शहडोल जिला सबक है जो रैंकिंग के मामले में पहले स्थान पर है। इसे कुल 100 में 70 अंक मिले हैं। इसी तरह टॉप फाइव में छोटे जिले आगर-मालवा दूसरे, हरदा तीसरे, डिंडौरी चौथे और बुराहनपुर पांचवें स्थान पर है। इन्हें क्रमश: 67, 59, 59, 57 अंक मिले हैं।
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