इस दिशा में अभी तक मैदानी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ है। ऑफ लाइन सर्वे में भी जिला काफी पिछड़ा है। हालत यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए अभी तक सिर्फ कागजों में ही प्लानिंग की गई है। थ्री स्टार रेटिंग के लिए क्लेम करने के बाद से जमीनी स्तर पर कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं। मप्र विधानसभा चुनाव के समय से आज तक स्वच्छता अभियान में कोई उल्लेखनीय पहल नहीं की गई है।
24 घंटे पहले मिलेगी जानकारी थ्री स्टार रेटिंग के लिए दिल्ली से थर्ड पार्टी की टीम 4 से 31 जनवरी के पहले निरीक्षण कर सकती है। नगरीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि थ्री स्टार रेटिंग के हिसाब से शहर में तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि लोगों का मानना है कि अभी नगर पालिका की तैयारियां बीते साल हुए सर्वे से बहुत धीमी चल रही हैं।
नगर पालिका ने बीते साल वन स्टार रैंकिंग के लिए क्लेम किया था, जिसे नगर पालिका मेंटेन नहीं कर पा रही है। ऐसे हालात में थ्री स्टार रैंकिंग मिलना काफी मुश्किल लग रहा है। नगर के मुख्य मार्केट में कहीं यूरिनर दिखाई नहीं देते हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन भी समुचित नहीं है।
नहीं लिया जा रहा आम जनता का सहयोग स्वच्छता सर्वेे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में जनभागीदारी को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। इसके बाद भी नगर में अभी तक नगर पालिका द्वारा आम जनता से सहयोग लेने का काम तेजी के साथ शुरू नहीं हुआ। मामले को लेकर अभी सिर्फ एक कार्यशाला बीते दिनों आयोजित हुई है। जिसमें लिए गए निर्णयों का नगरीय क्षेत्र में अमल नहीं हो पाया है।
नगरीय निकाय की ओर से नगारिकों को बिना समुचित संसाधन उपलब्ध कराए ही विभिन्न प्रकार के आर्थिक दंड की घोषणा कर दी गई है। नगर में पॉलीथिकन के उपयोग को तो प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन उसके स्थान पर सुविधाजनक ऑप्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इससे इन नियमों का समुचित पालन होने पर भी संदेह है। इसी तरह से खुले में पेशाब करने पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया है जबकि यहां नगर में पर्याप्त यूरिनर ही नहीं हैं।