ग्राम पंचायत को भी सख्त हिदायत दी गई
सेटिंग से दोबारा पुल बनने और उनमें बिचौलियों की महत्वपूर्ण भूमिका के गठजोड़ का पत्रिका ने मंगलवार को भांडाफोड़ किया। इसमें बताया गया कि किस प्रकार से इन कार्यालयों में दशकों से जमे कर्मचारी खुद तो मोटी कमाई करते ही हैं साथ ही अधिकारियों के लिये पुल का काम करते हैं। मामला उजाकर होने के बाद कलेक्टर मनोज खत्री द्वारा पुल को तोडऩे के लिये निर्देशित किया गया। इसके बाद दोपहर में एसडीएम आरुषि जैन, नायब तहसीलदार केके शर्मा, सदर पटवारी अर्जुन सिंह, रामौतार, संतोष, राजस्व अमले के साथ व पुलिस बल बीरा चौकी प्रभारी एवं भइयामन को लेकर शाम 4 बजे करीब एलएनटी और जेसीबी लेकर पुल के पास पहुंचे। एक एलएनटी एवं एक जेसीबी मशीन से छतरपुर जिला की सीमा तक बना पुल पूरी तरह से तोड दिया। बताया गया कि पुल तोडऩे का काम देर शाम तक चलता रहा। एसडीएम आरुषि जैन ने बताया पुल को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है साथ ही ग्राम पंचायत को दोबारा नदी के अंदर पुल नहीं बनाने की सख्त हिदायत दी गई है।
कलेक्टर महोदय के निर्देशन पर रेत खदान बीरा क्रमांक 3 में बना अवैध पुल तोड़कर केन की धार को बहाल किया गया। दोबारा इस तरह की पुनरावृति न हो, इसके लिए सतत निगरानी रखी जाएगी। अवैध रेत उत्खनन परिवहन मेरे अनुभाग मे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शासन के नियमानुसार ही रेत का कारोबार चलेगा।
आरुषी जैन, एसडीएम अजयगढ़
आरुषी जैन, एसडीएम अजयगढ़