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प्रत्येक गांव में तालाब खुदवाकर बचाएं जैव विविधता

locationपन्नाPublished: May 22, 2019 08:18:17 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

प्रत्येक गांव में तालाब खुदवाकर बचाएं जैव विविधता

 Save the pond in each village by biodiversit

Save the pond in each village by biodiversit

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर पन्ना टाइगर रिजर्व के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीएफओ उत्तर नरेश सिंह यादव, सीनियर सांइटिस्ट कृषि विज्ञान केन्द्र बीएस किरार, एसडीओ विश्रामगंज नरेन्द्र सिंह ने किया। इस मौके पर डीएफओ यादव ने कहा, भारत विश्व के 12 मेगा विविधतापूर्ण देशों में से एक है।
दुनिया में 2.5 प्रतिशत भू-क्षेत्रवाला भारत, वैश्विक प्रजातियों में से 7.5 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने जैव विविधता अधिनियम एवं नियम व जैव विविधता के कार्य में शामिल संस्था व कर्मचारियों-अधिकारियों की जानकारी दी। साथ ही शासन द्वारा इस क्षेत्र में दिए जा रहे पुरस्कार के संबंध में भी बताया।
प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाने की जरूरत

उन्होंने बताया, भारत एक ऐसा देश है जहां पूरे विश्व में पाए जाने वाले 25 बायोस्पेयर रिजर्व में से 4 केवल भारत में हैं। जैव विविधता का अस्तित्व बचाए रखने प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाने व जैविक कृषि को महत्व देने की जरूरत है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीएस. किरार ने कहा, कृषि की बहुत सी ऐसी प्रजातियां हैं जो लुप्त हो रही हैं। उनको सुरक्षित रखकर संवद्र्धन किया जाना चाहिए। लोगों को आयुर्वेद की तरफ प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कृषि में रसायनों का प्रयोग कम कर जैव उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ाना चाहिए।
विलुप्त होती जा रहीं पुरानी प्रजातियां

कृषि वैज्ञानिक डॉ. किरार ने कहा, रसायनों के बढ़ते उपयोग से कृषि से संबंधित पुरानी प्रजातियों में गिरावट आ रही है। मृदा की उत्पादक क्षमता भी क्षीण हो रही है। इससे जैव विवधता का विनाश हो रहा है। मानव शरीर में अनेक बीमारियों की उत्पत्ति का कारण भी बन रहा है।
पर्यावरण में भी प्रदूषण का कारण बन रहा है। संगोष्ठी में शामिल किसानों को यह भी बताया गया कि जैव विविधता और कृषि में किस प्रकार सामंजस्य बनाया जाए। उन्होंने बताया, फसल कटाई के बाद खेत में स्थित नरवाई को जलाए जाने से मृदा में स्थित सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं।पेड़ों से फलों को परिपक्वहोने से पूर्व न तोड़ा जाए जिससे जैव विविधता प्रभावित न हो।
पेड़ों की कटाई पर रोकथाम लगाई जाए

एसडीओ विश्रामगंज नरेन्द्र सिंह ने बताया,हर गांव में तालाब खुदवाए जाएं और तालाबों में मछलियों को लाया जाए, जिससे तालाब के अंदर और मृदा में सूक्ष्मजीव विकसित हों। यह भी बताया गया कि जंगलों में लगने वाली आग पर रोकथाम लगाया जाए। आग लगने से बहुत से सूक्ष्म जीव, कीड़े-मकोड़े मर जाते हैं, जिससे जैव विविधता बाधित होती है। उन्होंने यह भी बताया कि हर आदमी को पौधरोपण करना चाहिए और पेड़ों की कटाई पर रोकथाम लगाई जाए।
कार्यक्रम में शासकीय अधिवक्ता निगम ने भी जैव विविधता अधिनियम से संबंधित धाराओं के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम में पन्ना उत्तर पन्ना परिक्षेत्राधिकारी, परिक्षेत्र सहायक, ग्राम वन समिति के सदस्य एवं कृषकों ने भाग लिया और जैव विविधता के संबंध में चर्चा की।

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