इसी दौरान शाहनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को रोक लिया। इस दौरान जहां एक ओर वे संधिया का स्वागत कर रहे थे वहीं दूसरी ओर उनके निर्णय के खिलाफ विधायक नायक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। इसके बाद सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी और कटनी के लिये निकल गए।
सोसल मीडिया में वायरल किया गया वीडियो
नायक के खिलाफ शाहनगर में हुई नारेबजारी का वीडिय़ों चंद मिनटों में ही सोसल मीडिया में वायरल कर दिया गया। इससे यह विरोध प्रदर्शन पूर्व नियोजित भी लग रहा है। इसमें कांग्रेस के लोगों का भी हाथ हो सकता है। आगामी विस चुनाव जिस प्रकार से नजदीक आते जा रहे हैं उसी प्रकार से कांग्रेस में गुटबाजी भी खुलकर सामने आ रही है।
पार्टी के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता के निर्णय के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार से बीच सडक़ में मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं उससे निश् िचत रूप से भाजपाईयों को कहीं न कहीं आगे चलकर लाभ मिलेगा। हालांकि भाजपा की ओर से भी प्रत्याशी का निर्णय होने की स्थिति में इसी प्रकार के विरोध की आशंका जताई जा रही है। यहां स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर स्थानीय संघर्ष समिति के लोग एक साल से तैयारी कर रहे हैं। यह नारेबजारी उनके संघर्ष का असर भी हो सकती है।