स्केट पार्क का निर्माण कार्य एक माह तक चला। करीब 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस पार्क के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत बनाया गया है। जर्मन समाजसेवी उलरिके रेनहार्ट और उनके सहयोगियों द्वारा इस पार्क का निर्माण कराया गया है। पार्क के लिए उन्होंने गांव में 10 साल के लिए जमीन लीज पर ली है। उनका दावा है कि यह यह भारत का सबसे बड़ा स्ट्रीट स्केट बोर्ड पार्क बन गया है। इसके साथ ही ग्राम जनवार दुनियां का पहला ऐसा गांव बन जाएगा, जहां जनसंख्या के हिसाब से सबसे अधिक स्केट बोर्ड पार्क हैं।
पार्क में बच्चों ने जमकर की मस्ती
नवीन स्ट्रीट स्केट बोर्ड पार्क का आकार काफी विस्तुत है। इसमें एकसाथ दर्जनों की संख्या में बच्चे स्केटिंग कर सकते हैं। बच्चों ने भी इसका भरपूर फायदा उठाया और पार्क के शुरू होने के साथ ही यहां धमाल मचाना शुरू कर दिया। छोटे-छोटे बच्चे भी बगैर थके घंटों तक स्केटिंग करते दिखे। नवीन पार्क को लेकर बच्चों में सबसे अधिक उत्साह देखा जा रहा है।
तैयारी के लिए मिलेंगे अधिक अवसर
जनवार के बच्चे विदेशों में भी अपनी प्रतिभाा का प्रदर्शन कर चुके हैं। नया पार्क बनकर तैयार होने से उन्हें यहां तैयारियों के लिए अधिक अवसर मिल पाएगा। हाल में ही विसाखापट्टनम में हुई नेशनल रोरल स्केटिंग चैम्पियनशिप में जनवार के ११ बच्चों ने हिस्सा लिया था। इनमें से दो गोल्ड सहित पांच मेडल यहां के बच्चों ने छटके थे। अब उम्मीद की जाती है कि आगामी दिनों में यहां के बच्चे अवसरों को और बेहतर तरीके से भुना सकेंगे।