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मध्यप्रदेश के पन्ना में चंद्रशेखर आजाद ने ली थी क्रांतिकारियों की बैठक, महाभारत के पांचों पांडवों को मानते थे आदर्श

locationपन्नाPublished: Jul 23, 2019 02:20:51 pm

Submitted by:

suresh mishra

4 सितंबर 1929 को पन्ना जिले के पांडव फॉल को आजाद ने बनाया था ठिकाना, महाभारत के पांचों पांडवों का था सुरक्षित रहवास

Story of Chandra Shekhar Azad pandav fall panna meeting

Story of Chandra Shekhar Azad pandav fall panna meeting

पन्ना। मध्य प्रदेश का पन्ना जिला क्रांतिकारियों का गढ़ रहा है। फिर चाहे महाभारत के नायक पांडवों की बात हो या फिर देश के क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद की। पन्ना के आसपास के घने जंगलों में मिले साक्ष्यों और परिस्थितियों के हिसाब से इस तथ्य का प्रमाण मिलता है। पन्ना की घाटी में बह रहा एक खूबसूरत झरना पांडव फॉल को जोड़ता है। यहां का बहता हुआ कल-कल करता झरना पर्यटकों के बीच आकर्षण का केेन्द्र है।
एमपी टूरिज्म की मानें तो 4 सितंबर 1929 को पन्ना जिले के पांडव फॉल नामक स्थान पर चन्द्रशेखर आजाद ने क्रांतिकारियों की बैठक ली थी। इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण ये था कि स्वयं आजाद ब्राह्मण जाति के पाण्डेय परिवार से विलांग करते थे। वह अपना आदर्श महाभारत के उन पांचों पांडवों को मानते थे। जिन्होंने सत्य की जीत के लिए पूरा कौरवों का साम्राज्य खत्म कर दिया था। यही हालात उस दौरान भारत में भी थे। इसलिए पांडव फॉल में क्रांतिकारियों की बैठक लेकर पूरे देश में आजादी की अलख जगाई थी।
पांडव फाल और आजाद का कनेक्शन
आज से 90 वर्ष पहले भारत देश अग्रेजों का गुलाम था। उस समय अग्रेजी हुकूमत पूरी तरह हावी थी। भगत सिंह और चन्द्रशेखर आजाद ने मिलकर हिन्दुस्तान सोसिलिस्ट रिपब्लिकेशन आर्मी की (एचएसआरए) स्थापना की थी। उस दौरान देशभर में क्रांतिकारियों की बैठक चल रही थी। जिसमें पन्ना के पांडव फॉल की बैठक भी शामिल थी।
ये है प्रचलित कहानी
क्षेत्र के आसपास यह पौराणिक कहानी प्रचलित है कि जब जुए में हारने के बाद पांडवों को हस्तिनापुर से निष्कासित होकर गुप्त रूप से रहना पड़ा था। तब वे यहां आए थे और इसी झरने के पास एक गुफा में उन्होंने हथियार छिपाए थे। इसी घटना के बाद इस जल प्रपात का नाम पांडव फॉल पड़ा था।
पांडव फॉल आसपास ये है पर्यटक स्थल
अगर पांडव फॉल के आस-पास में पर्यटक स्थलों की बात की जाए तो सबसे पहले नाम आता है। विश्वभर में ख्याति प्राप्त खजुराहों की। यहां की कामुक मूर्तियां पूरे विश्व में प्रसिद्द है। इन मंदिरों को देख कर हमें अपने पूर्वजों के सेक्स से संबंधित ज्ञान का पता चलता है। खजुराहों से लौटते समय रास्ते में पांडव फॉल पड़ता है। जहां की सुन्दरता देखते ही बनती। इसके अलावा पन्ना नेशनल पार्क, रनेह फाल इत्यादि शामिल है।
इस तरह पहुंचे यहां
देश-विदेश से पांडव फॉल आने वाले पर्यटकों के लिए महज 15 किमी. दूर खजुराहों एयर पोर्ट है। रेलवे और और बस की बहुविकल्प सुविधा अवेलेबल है। यहां पर रुकने के लिए पर्याप्त और विभिन्न प्राइस मेनू वाले उच्च, मध्य और निम्न वर्ग के सरकारी और प्राइवेट होटल खजुराहों व पन्ना में मौजूद है। छतरपुर व सतना मार्ग पर स्थित पांडव फॉल के लिए हर 10 मिनट में बसें जाती है।

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