बीते दिनों अमानगंज क्षेत्र से डायल 100 वाहन से एक बालिका का अपहरण होने के बाद पवई क्षेत्र से एक सिरफिरे आशिक ने फोन पर धमकी देने के बाद नाबालिग किशोरी को दिनदहाड़े घर से उठा लिया। इससे घरों से बाहर रहकर पढ़ाई और नौकरी कर रही बेटियों की सुरक्षा उनके परिजनों को सताने लगी है।
दहेजरूपी दानव लील रहा जान
औसतन हर माह दो बेटी दहेज लोभियों के लालच की भेंट चढ़ जाती है। वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में बेटियों और महिलाओं में दहेज के चलते मौत के आंकड़ों में कमी आई है। वर्ष 2015 में दहेज के कारण 12 नवविवाहिता की मौत का मामला सामने आया था। जो वर्ष 2016 में बढ़कर 22 तक पहुंच गया। वर्ष 2017 में दहेज के कारण मरने वाली बेटियों की संख्या में कुछ कमी आई, लेकिन यह आंकड़ा फिर भी 19 तक जा पहुंचा। महिला अपराधों में आपेक्षित कमी नहीं आने के पीछे मुख्य वजह अशिक्षा, जागरुकता की कमी, भेदभाव आदि प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं।
औसतन हर माह दो बेटी दहेज लोभियों के लालच की भेंट चढ़ जाती है। वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में बेटियों और महिलाओं में दहेज के चलते मौत के आंकड़ों में कमी आई है। वर्ष 2015 में दहेज के कारण 12 नवविवाहिता की मौत का मामला सामने आया था। जो वर्ष 2016 में बढ़कर 22 तक पहुंच गया। वर्ष 2017 में दहेज के कारण मरने वाली बेटियों की संख्या में कुछ कमी आई, लेकिन यह आंकड़ा फिर भी 19 तक जा पहुंचा। महिला अपराधों में आपेक्षित कमी नहीं आने के पीछे मुख्य वजह अशिक्षा, जागरुकता की कमी, भेदभाव आदि प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं।
आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरणा के मामले भी बढ़े
जिले में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2017 में महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के अपराधों में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के 13 मामले सामने आए थे। वर्ष 2016 में इनमें कमी आई थी और 9 मामले वर्ष किए गए थे। वर्ष 2017 में फिर महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आंकड़ा 13 पर ही पहुंच गया। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी सार्थक परिणाम निकलते नहीं दिख रहे हैं।
जिले में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2017 में महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के अपराधों में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के 13 मामले सामने आए थे। वर्ष 2016 में इनमें कमी आई थी और 9 मामले वर्ष किए गए थे। वर्ष 2017 में फिर महिलाओं को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आंकड़ा 13 पर ही पहुंच गया। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी सार्थक परिणाम निकलते नहीं दिख रहे हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में वर्ष 2015 में अपहरण की 54 वारदात सामने आईं थीं। जो वर्ष 2016 में बढ़कर 58 हो गईं। वर्ष 2017 में इनमें करीब 65 फीसदी की वृद्धि हुई। इससे वर्ष 2017 में अपहरण की वारदात का आंकड़ा 96 तक पहुंच गया। इसी प्रकार महिला के शीलभंग की वारदातों में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में महिलाओं के शीलभंग के जिले के थानों और चौकियों में 71 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2016 में आंकड़ा 67 तक पहुंच गया था। जबकि वर्ष 2017 में शीलभंग के मामलों में फिर वृद्धि हुई और इस साल शीलभंग के 81 अपराध विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हुए हैं। वर्ष 2018 के पहले माह में ही अमानगंज थाना क्षेत्र में डायल 100 अपहरण कांड हो गया। पुलिस को बंधक बनाकर पुलिस के वाहन से ही अपहरण की वारदात को अंजाम देने के इस तरह के अकेले मामले को शायद ही लोग सालों तक भुला पाएं। बीते दिनों ही पवई क्षेत्र में भी नागौद जिला सतना के रहने वाले एक सिरफिरे आशिक द्वारा फोन से धमकी देकर 16 वर्षीय किशोरी के अपहरण करने का मामला सामने आया था। उक्त वारदात के बाद घरों से बाहर रहकर पढ़ाई और नौकरी कर रही बेटियों को खुद के सुरक्षा की चिंता सताना लाजमी है।
पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में वर्ष 2015 में अपहरण की 54 वारदात सामने आईं थीं। जो वर्ष 2016 में बढ़कर 58 हो गईं। वर्ष 2017 में इनमें करीब 65 फीसदी की वृद्धि हुई। इससे वर्ष 2017 में अपहरण की वारदात का आंकड़ा 96 तक पहुंच गया। इसी प्रकार महिला के शीलभंग की वारदातों में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में महिलाओं के शीलभंग के जिले के थानों और चौकियों में 71 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2016 में आंकड़ा 67 तक पहुंच गया था। जबकि वर्ष 2017 में शीलभंग के मामलों में फिर वृद्धि हुई और इस साल शीलभंग के 81 अपराध विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हुए हैं। वर्ष 2018 के पहले माह में ही अमानगंज थाना क्षेत्र में डायल 100 अपहरण कांड हो गया। पुलिस को बंधक बनाकर पुलिस के वाहन से ही अपहरण की वारदात को अंजाम देने के इस तरह के अकेले मामले को शायद ही लोग सालों तक भुला पाएं। बीते दिनों ही पवई क्षेत्र में भी नागौद जिला सतना के रहने वाले एक सिरफिरे आशिक द्वारा फोन से धमकी देकर 16 वर्षीय किशोरी के अपहरण करने का मामला सामने आया था। उक्त वारदात के बाद घरों से बाहर रहकर पढ़ाई और नौकरी कर रही बेटियों को खुद के सुरक्षा की चिंता सताना लाजमी है।
महिला अपराध रोकने के किए जा रहे प्रयास
– थाना स्तर पर जनसंवाद शिविरों का आयोजन कर महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
– निर्भया मोबाइल के माध्यम से नगर में गल्र्स स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, कोचिंग सेंटर तथा अन्य सुनसान क्षेत्रों में लगातार भ्रमण कर आसामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
– परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से घरेलू हिंसा, पारिवारिक कलह के प्रकरणों में पक्षकारों को समझाइश दी जा रही है।
– प्रत्येक थाना स्तर पर महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई के लिए महिला अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
– महिला वर्ग की शिकायतों पर वैधानिक कार्रवाई की जाती है।
– जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन महिलाओं को जागरुक करने के लिए अभियान चलाते हैं।
– पुलिस विभाग द्वारा बालिका दिवस से सम्मान, सुरक्षा, स्वरक्षा संवाद कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
– थाना स्तर पर जनसंवाद शिविरों का आयोजन कर महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
– निर्भया मोबाइल के माध्यम से नगर में गल्र्स स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, कोचिंग सेंटर तथा अन्य सुनसान क्षेत्रों में लगातार भ्रमण कर आसामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
– परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से घरेलू हिंसा, पारिवारिक कलह के प्रकरणों में पक्षकारों को समझाइश दी जा रही है।
– प्रत्येक थाना स्तर पर महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई के लिए महिला अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
– महिला वर्ग की शिकायतों पर वैधानिक कार्रवाई की जाती है।
– जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन महिलाओं को जागरुक करने के लिए अभियान चलाते हैं।
– पुलिस विभाग द्वारा बालिका दिवस से सम्मान, सुरक्षा, स्वरक्षा संवाद कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।