पन्ना टाइगर रिजर्व में मृत मिले इस बाघ की उम्र लगभग पांच वर्ष बताई जा रही है। इसकी मौत को लेकर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघों के आपासी संघर्ष का दावा कर रही है पर हैरत की बात यह है कि रिजर्व के कोर एरिया में बाघ के मरने के इतने दिन बाद प्रबंधन को शव मिला अगर समय रहते घायल बाघ मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था।
पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने रविवार देर रात गहरीघाट परिक्षेत्र में एक नर बाघ मृत होने की पुष्टि की। और सोमवार को सुबह ही क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, उपसंचालक समेत अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गये। मौके पर अन्य बाघ के खरौंच व संघर्ष के निशान भी मिले हैं। घटना स्थल पर डाग स्क्वाड सहित सर्चिंग की गई जिससे यह पुख्ता किया जा सके कि कहीं बाघ का शिकार तो नहीं किया गया है। लेकिन घटनास्थल से अभीतक इस तरह के कोई सबूत नहीं मिले हैं। बाघ के पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बताया जाता है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के 542 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले कोर एरिया में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है अभी यहां 39 से ज्यादा बाघ रहते हैं। जो रिजर्व कीऔसत क्षमता से चार पांच ज्यादा हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में एक हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा का बफर जोन है। और कोर और बफर जोन दोनों को मिलाकर इस क्षेत्र में करीब 60 बाघ रहते हैं। इसकी वजह से ही बाघों के बाच आपसी संघर्ष की घटनाएं बढ़ती जा रहा हैं। पिछले माह में भी इसी तरह से दो युवा नर बाघ की मौत हो गई थी।