बमीठा से 39 किमी पैदल चले
झांसी से बरुआसागर एक ट्रक से पहुंचे। यहां से एक स्कूल बस से रेवाड़ी पहुंचे। यहां से पुन: स्कूल बस से हरपालपुर और फिर बस द्वारा बमीठा तक पहुंचे। बमीठा से 39 किमी पैदल चलकर बरियारपुर डैम पर पहुंचे। जहां पर बरियारपुर सचिव पप्पू लाल कोंदर कस्तूरबा छात्रावास में आइसोलेशन केंद्र में रखा गया। अधीक्षिका ममता द्विवेदी द्वारा कैंपस परिसर में तैनात विमलेश सिंह स्टाफ नर्स से कल्लीबाई का चेकअप कराया और उन्हें दवाइयां भी उपलब्ध कराई थीं।
झांसी से बरुआसागर एक ट्रक से पहुंचे। यहां से एक स्कूल बस से रेवाड़ी पहुंचे। यहां से पुन: स्कूल बस से हरपालपुर और फिर बस द्वारा बमीठा तक पहुंचे। बमीठा से 39 किमी पैदल चलकर बरियारपुर डैम पर पहुंचे। जहां पर बरियारपुर सचिव पप्पू लाल कोंदर कस्तूरबा छात्रावास में आइसोलेशन केंद्र में रखा गया। अधीक्षिका ममता द्विवेदी द्वारा कैंपस परिसर में तैनात विमलेश सिंह स्टाफ नर्स से कल्लीबाई का चेकअप कराया और उन्हें दवाइयां भी उपलब्ध कराई थीं।
लाया गया अस्पताल
1 अप्रेल को डॉक्टर उमा गुप्ता के द्वारा जांच की गई। 2 अप्रेल को शाम 7 बजे ममता द्विवेदी द्वारा बीएमओ डॉ. केपी राजपूत को बताया गया कि महिला को प्रसव पीड़ा हो रही हैं। तब डॉक्टर केपी राजपूत द्वारा कल्लीबाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरियारपुर में प्रसव करवाने को कहा गया। बरियारपुर में पदस्थ स्टाफ नर्स ने प्रसव कराया। बच्चे का वजन 2 किलो 600 ग्राम रहा। जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वास्थ है।
1 अप्रेल को डॉक्टर उमा गुप्ता के द्वारा जांच की गई। 2 अप्रेल को शाम 7 बजे ममता द्विवेदी द्वारा बीएमओ डॉ. केपी राजपूत को बताया गया कि महिला को प्रसव पीड़ा हो रही हैं। तब डॉक्टर केपी राजपूत द्वारा कल्लीबाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरियारपुर में प्रसव करवाने को कहा गया। बरियारपुर में पदस्थ स्टाफ नर्स ने प्रसव कराया। बच्चे का वजन 2 किलो 600 ग्राम रहा। जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वास्थ है।
मथुरा से मजदूरी कर लौटी कल्लीबाई को कस्तूरबा गांधी छात्रावास में क्वरनटाइन में रखा गया था। जिसने बरियारपुर स्वास्थ्य केंद्र में एक स्वास्थ बच्चे को जन्म दिया।
डॉ. केपी राजपूत, बीएमओ, अजयगढ़
डॉ. केपी राजपूत, बीएमओ, अजयगढ़