scriptकुडरा के जंगल में चाप में फंसाकर तेंदुए का शिकार, चारो पंजे काटे और चमड़ा भी उतारकर ले गए शिकारी | The leopard hunt, trapped in an arc in the forest of Kudra | Patrika News

कुडरा के जंगल में चाप में फंसाकर तेंदुए का शिकार, चारो पंजे काटे और चमड़ा भी उतारकर ले गए शिकारी

locationपन्नाPublished: Feb 25, 2020 10:20:37 pm

Submitted by:

Shashikant mishra

कुडरा के जंगल में चाप में फंसाकर तेंदुए का शिकार, चारो पंजे काटे और चमड़ा भी उतारकर ले गए शिकारीकरीब एक सप्ताह पुराना शव होने की आशंकालकड़ी लेने जंगल गये ग्रामीणों ने दुर्गंध आने पर पहचाना और वन विभाग को दी तेंदुए के शिकार की जानकारी जानकारी

कुडरा के जंगल में चाप में फंसाकर तेंदुए का शिकार

कुडरा के जंगल में चाप में फंसाकर तेंदुए का शिकार

अजयगढ़. उत्तर वन मंडल के धरमपुर रेंज की कुडरा बीट में किशारियों ने करीब एक सप्ताह पूर्व चाप लागाकर तेंदुए का शिकार कर लिया। शिकारी तेंदुए के चारो पंजे काटकर ले गए और उसकी खाल को भी उतारकर ले गए थे। सोमवार की लकड़ी लेने सुबह जंगल गये ग्रामीणों ने तेंदुआ को मृत हालत में पाया। मामले की जानकारी लगने के बाद डीएफओ और एसडीओ सहित वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच गया। पीएम कराने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार सुबह कुडरा और धरमपुर के कुछ ग्रामीण कुडरा के जंगल कक्ष क्रमांक पी- ५३ में लकड़ी लेने गए हुए थे। जहां उन्होंने तेज दुर्गंध आने पर पास में जाकर देखा। जहां एक तेंदुआ के मरे होने की जानकारी वन अमले को दी। मामले की जानकारी लगने के बाद पूरे वन विभाग में हड़कंप मच गया। आनन फानन में डीएफओ मीना मिश्रा सहित रेंजर और एसडीओ आदि मौके पर पहुंच गए। खोजी कुत्ते को बुलाया गया। शव का मौके पर ही पीएम कराने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।

चारो पंजे और खाल गायब
डीएफओ मीना मिश्रा के अनुसार प्रारंभिक जांच में शिकार किया जाना सामने आया है। कुछ अंग भी नहीं मिले हैं। शव देखने के बाद पता चला कि शिकारियों ने घटना स्थल पर तीन खूटियों में तार के सहारे चाप (वन्य प्राणियां के पंजों को फंसाने वाला लोहे का औजार) बांध रखे थे। जिनमें पैर फसने के कारण तेंदुए की मौत हो गई और वन विभाग के मैदानी अमले को इसकी भनक तक नहीं लगी। आशंका है कि तेंदुए के चाप में फंसने के बाद पीट पीटकर शिकारियों ने उसकी हत्या की होगी और इसके बाद शिकारी उसके चारो पंजे काटकर ले गए और उसके शरीर की खाल को भी ले गए। शिकार के मामले में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की आशंका है। बताया गया कि तेंदुए के नाखूनों से कई प्रकार की दवाएं बनाई जाती हैं। तेंदुए के नाखून और खाल काफी महंगे बिकते हैं। इसी कारण से इनका शिकार किया जाता है।

तीन घरों में पहुंचा कुत्ता
वन विभाग का खोजी कुत्ता जांच के दौरान नत्थू कुशवाहा, दिल्ली कुशवाहा और बौना कुशवाहा तीनों निवासी दिव्या धरमपुर के घरों में गया था। नत्थू कुशवाहा वन विभाग के अमले को देखकर घर के पीछे से भाग गया। जबकि शोष दो लोग घरों में नहीं मिले। वन विभाग तीनों की तलाश कर रहा है। मामले में धरमपुर पुलिस की मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि इसी प्रकार से करीब एक माह पूर्व धरमपुर रेंज में ही एक तेंदुए के शिकारियों के जाल में फासने की जानकारी मिली थी। जिसे वन विभाग का मैदानी अमला हाइना बताता रहा है। इन घटनाओं ने वन अमले के मैदानी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। यह क्षेत्र यूपी की सीमा से लगा होने के कारण यहां शिकार के सौकीन लोगों की गतिविधियों पर रोक नहीं लग पा रही है।


बाड़ी बुरी तरह से डि-कंपोज हो गई थी। सेंपल लिए हैं। शव तेंदुए का भी हो सकता है और हाइना का भी। डीएनए फिंगरप्रिंट के लिए सेंपल भेजा जाएगा। शव के कुछ अंग भी गायब है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।
मीना मिश्रा, डीएफओ उत्तर वन मंडल
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