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शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर बरसाते हैं अमृत, महिलाओं ने व्रत रख किया पति के दीर्घायु होने की कामना

locationपन्नाPublished: Oct 14, 2019 06:59:47 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

पति की लंबी उम्र की कामना

The Moon is filled with 16 arts and showers nectar on the earth

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शाहनगर. नगर सहित ग्रामिण अंचलों बिसानी, बोरी और पुरैना में भी शरद पूर्णिमा का व्रत महिलाओं और युवतियों ने रखा। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए और युवतियों ने इच्छित पर की प्राप्ति के लिए दिनभर व्रत रखा। शाम को महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। शरद पूर्णिमा पर पूरा चंद्रमा दिखाई देने के कारण इसे महापूर्णिमा भी कहा गया है।
आज से शीत ऋतु होता है पारंभ
काबिलेगौर है की अश्वनी मास में शरद पूर्णिमा वाले दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। महिलाओं ने माता लक्ष्मी, चंद्रमा और देवराज इंद्र की पूजा रात्रि के समय की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त रहता है। इस दिन चंद्रमा धरती के निकट होकर गुजरता है। इसी दिन से शरद ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन लक्ष्मीजी की साधना करने से आर्थिक और व्यापारिक लाभ मिलता है। शरद पूर्णिमा की रात में अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण चंद्रमा से अमृतमयी धारा बहती है। इस दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है।ऐसी मान्यता है कि इस खीर को अगले दिन ग्रहण करने से घर बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
जगदीश मंदिर में की पूजन-अर्चना
शरद पूर्णिमा के असर पर पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं ने दिनभर व्रत रखा। जगदीश स्वामी मंदिर साम 4 बजे से महिलाओं की भीड़ होना शुरू हो गई। महिलाओं ने यहां पूजा-अर्चना कर भगवान को खोया के बने पेड़े और खोवा चढ़ाया। इस अवसर पर महिलाओं ने भजनों का गायन भी किया।

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