गर्मी के सीजन में खोदकर डंप कर ली चाल
उथली हीरा खदानों के संचालकों ने पूरे गर्मी के सीजन में हीरे की चाल को खेादकर सुरक्षित स्थानों पर डंप कर लिया था। चाल को ऐसे स्थानों पर डंप किया गया था। जहां बारिश का पानी सहजता से पहुंच सके। बीते दिनों जिले में हुई अच्छी बारिश के बाद नालों और गड्ढ़ों में पानी आ गया है। जिससे अब उस पानी का उपयोग हीरे की चाल की धुलाई के लिये किया जा रहा है। इससे इन दिनों सुबह पांच बजे से १० बजे तक हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में हीरे के चाल धुलाई का काम तेज हो गया है। इस काम को करने वाले मजदूरों की मांग भी बढ़ी। सुबह हालत यह होती है कि एक-एक खदान में १0० लोग तक काम कर रहे होते हैं। हीरा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि बारिश के सीजन में हर साल चाल की धुलाई तेज होती है।
उथली हीरा खदानों के संचालकों ने पूरे गर्मी के सीजन में हीरे की चाल को खेादकर सुरक्षित स्थानों पर डंप कर लिया था। चाल को ऐसे स्थानों पर डंप किया गया था। जहां बारिश का पानी सहजता से पहुंच सके। बीते दिनों जिले में हुई अच्छी बारिश के बाद नालों और गड्ढ़ों में पानी आ गया है। जिससे अब उस पानी का उपयोग हीरे की चाल की धुलाई के लिये किया जा रहा है। इससे इन दिनों सुबह पांच बजे से १० बजे तक हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में हीरे के चाल धुलाई का काम तेज हो गया है। इस काम को करने वाले मजदूरों की मांग भी बढ़ी। सुबह हालत यह होती है कि एक-एक खदान में १0० लोग तक काम कर रहे होते हैं। हीरा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि बारिश के सीजन में हर साल चाल की धुलाई तेज होती है।
हीरा विभाग कर रहा अनेदेखी
बरसात के सीजन में होने वाली चाल पर निगरानी करने में हीरा विभाग लापरवाही बरत रहा है। जिससे सीजन में जमा होने वाले हीरों की संख्या में कमी रहती है। गौरतलब है कि हीरा विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिती नहीं होने के कारण हीरा कारोबारी चाल से निकलने वाले हीरों को छुपा लेते है। नियमानुसार हीरे की बिनाई के समय हीरा विभाग के एक कर्मचारी को मौके पर मौजूद रहना चाहिये। लेकिन मैदानी अमले की कमी से जूझ रहे विभाग के पास इतने कर्मचारी ही नहीं हैं।
बरसात के सीजन में होने वाली चाल पर निगरानी करने में हीरा विभाग लापरवाही बरत रहा है। जिससे सीजन में जमा होने वाले हीरों की संख्या में कमी रहती है। गौरतलब है कि हीरा विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिती नहीं होने के कारण हीरा कारोबारी चाल से निकलने वाले हीरों को छुपा लेते है। नियमानुसार हीरे की बिनाई के समय हीरा विभाग के एक कर्मचारी को मौके पर मौजूद रहना चाहिये। लेकिन मैदानी अमले की कमी से जूझ रहे विभाग के पास इतने कर्मचारी ही नहीं हैं।
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक अवैध खदानें
जिले में वैधानिक रूप से चलने वाली हीरा खदानों के साथ ही बड़ी संख्या में अवैध खदानें भी चलती हैं। जिनसे निकलने वाला शत प्रतिशत हीरा अवैध रूप से मार्केेट में बिक जाता है। सड़कों के किनारे राहचलते लोग हीरे की अवैध खरीदारी कर लेते हैं और किसी को भनक तक नहीं लग पाती है। हीरा कारोबार से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिले के हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में ब्रह्स्पित कुंड के नीचे वाले क्षेत्र, पत्तालिया, गलासा, बैबई, बुंदनी, सठनागर, सूढ़ा, घिनौचीधार जोहद, इनवास सहित दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं जहां अभी भी बड़़ी सं या में हीरे की अवैध खदानें चल रही हैं। जिले में हीरे के करोड़ों के काले कारोबार की जानकारी एसपी विवेक सिंह को भी दी गई है। फिलहाल इस दिशा में उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
जिले में वैधानिक रूप से चलने वाली हीरा खदानों के साथ ही बड़ी संख्या में अवैध खदानें भी चलती हैं। जिनसे निकलने वाला शत प्रतिशत हीरा अवैध रूप से मार्केेट में बिक जाता है। सड़कों के किनारे राहचलते लोग हीरे की अवैध खरीदारी कर लेते हैं और किसी को भनक तक नहीं लग पाती है। हीरा कारोबार से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिले के हीरा धारित पट्टी क्षेत्र में ब्रह्स्पित कुंड के नीचे वाले क्षेत्र, पत्तालिया, गलासा, बैबई, बुंदनी, सठनागर, सूढ़ा, घिनौचीधार जोहद, इनवास सहित दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं जहां अभी भी बड़़ी सं या में हीरे की अवैध खदानें चल रही हैं। जिले में हीरे के करोड़ों के काले कारोबार की जानकारी एसपी विवेक सिंह को भी दी गई है। फिलहाल इस दिशा में उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।