मामले में आरोपी कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने, राजस्व अधिकारी के निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जहां राजस्व अधिकारियों ने बैठक कर कलेक्टर को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा वहीं दूसरी ओर एसडीएम ने मामले में एसपी को दिए पत्र में पुलिस अधिकारियों और रेत कारोबारियों के बीच संबंधों का खुलासा किया है।
उनका आरोप है कि रेत कारोबारियों के दबाव में अजयगढ़ पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके निर्देशों के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा जाती है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व रेत से भरे ट्रक ने कार्रवाई के दौरान एसडीएम अजयगढ़ आरुषी जैन के वाहन को कुचलने का प्रयास किया था, जिसमें वे सुरक्षाकर्मी की सहगता से बाल-बाल बची थीं। इसी मामले में डंपर को छुड़ाने के लिए मौके पर पहुंचे कांग्रेस नेता व अजयगढ़ जनपद अध्यक्ष भरत मिलन पांडेय ने उनके साथ गाली-गलौज कर अभद्र व्यवहार किया और धमकी देकर रेत से भरा डंपर छुड़ा ले गए थे।
शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कांग्रेस नेता के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया था। पूरे मामले में अजयगढ़ थाना प्रभारी डीएस परमार और एसडीओपी इसरार मंसूरी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। मामले में पुलिस ने डंपर को तो जब्त कर लिया है, लेकिन चालक और कांग्रेस नेता अभी भी गिरफ्त से दूर हैं।
राजस्व अधिकारियों ने बैठक कर सौंपा ज्ञापन उक्त घटना के विरोध में जिलेभर के राजस्व अधिकारियों ने असंतोष जताया है। अधिकारियों ने मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए छह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया गया, एसडीएम ने 9 अप्रेल को रेत कारोबारियों की साजिश के संबंध में आवेदन दिया था, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे रेत कारोाबरियों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि 16 मई को कार्रवाई के दौरान एसडीएम के वाहन को कुचलने का प्रयास किया गया।
मामले में पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई करने के बजाए एसडीएम के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाना पुलिस अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। अपराध दर्ज होने के बाद भी आरोपी का गिरफ्तार नहीं किया जाना पुलिस के बीच रेत कारोबारियों के वर्चस्व का द्याोतक है।
12 अक्टूबर 2017 को भी तत्कालीन तहसीलदार को बंधक बनाने का मामला भी उठाया गया। जिसमें कहा गया कि उक्त मामले में भी पुलिस अधिकारियों ने राजस्व अधिकारी का सहयोग करने के बजाए रेत कारोबारी का सहयोग किया था। मामले को लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग और राजस्व सेवा का अधिकारी कर्मचारी संघ ने मामले में एसडीओपी के खिलाफ कार्रवाई और आरोपी कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी की मांग की है।
रेत कारोबारी और पुलिस गठजोड़ का किया खुलासा एसडीएम ने मामले को लेकर एक दिन पूर्व एसपी मयंक अवस्थी से मिली थीं, जिसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए अजयगढ़ पुलिस पर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर एसपी ने उन्हें लिखित में आवेदन देने के लिए कहा था।
इसी मामले को लेकर एसडीएम आयुषी जैन से एसपी को कर्रवाई लिए पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि रेत कारोबारी के दबाव में एसडीओपी और टीआइ उनके निर्देशों एवं आवेदनों पर कार्रवाई नहीं करते हैं। उन्होंने मामले में थाना पुलिस द्वारा किए गए दुव्र्यवहार को लेकर भी जानकारी दी है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मोहाना रेत खदान निरस्त करने लिखा पत्र मोहाना रेत खदान में अवैध गतिविधियों की शिकायत सामने आने और लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए एसडीएम ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मोहाना रेत खदान निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया, मोहाना रेत खदान में बेची जाने वाली रेत की इंट्री रजिस्टर में नहीं की जा रही है। वहां अधिक रुपए वसूले जाने की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं।
ग्राम पंचायत के लोगों द्वारा भी पंचनामा बनाकर रेत के विक्रय में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसलिए मोहाना के नाम से स्वीकृत रेत खदान का सरपंच और सचिव द्वारा संचालन नहीं कर पाने एवं अनियमितता सामने आने को लेकर उक्त खदान को निरस्त करने की मांग की है।
एसपी को आवेदन दिया है। इसमें एसडीओपी और थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
आयुषी जैन, एसडीएम अजयगढ़ एसडीएम द्वारा असहयोग करने का आरोप निराधार है। 16 मई को सूचना मिलने के 8 मिनट के मौके पर पहुंच गया था। चालक ड्राइवर अवकाश पर था, इससे मुझे बाइक से जाना पड़ा था। उनके पूर्व के आवेदन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
इसरार मंसूरी, एसडीओपी अजयगढ़
आयुषी जैन, एसडीएम अजयगढ़ एसडीएम द्वारा असहयोग करने का आरोप निराधार है। 16 मई को सूचना मिलने के 8 मिनट के मौके पर पहुंच गया था। चालक ड्राइवर अवकाश पर था, इससे मुझे बाइक से जाना पड़ा था। उनके पूर्व के आवेदन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
इसरार मंसूरी, एसडीओपी अजयगढ़