script

पन्ना जिले के केन नदी पर बन रहे तेंदूघाट बांध का काम पूरा, 56 फीसदी हुआ जलभराव, जल्द किसानों की जिंदगी होगी खुशहाल

locationपन्नाPublished: Sep 17, 2019 05:51:25 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

दिसंबर तक नहरों से खेतों तक पानी पहुंचने की संभावना, कुल 25 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई का लक्ष्य

Narmda Dam in Gujarat: नर्मदा बांध शीर्ष स्तर से महज 1.4 मीटर शेष

Narmda Dam in Gujarat: नर्मदा बांध शीर्ष स्तर से महज 1.4 मीटर शेष

पन्ना/पवई. केन नदी के तेंदूघाट पर वर्ष 2015 से निर्माणाधीन तेंदूघाट मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य पूरा हो गया है। परियोजना के तहत बने बांध में इस साल पहली बार 56 फीसदी तक पानी भर गया है। हालांकि इसकी नहरों का काम अभी पूरा नहीं होने के कारण आगामी सीजन में भी खेतों तक इसका पानी पहुंचने की उम्मीद कम ही है। विभाग दिसंबर पर खेतों तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहा है।
83 गांवों की 11 हजार हैक्टेयर जमीन होगी सिंचित, बनाई जा रहीं नहरें
शाहनगर के पडऱहा के निकट जल संसाधन विभाग ने 806 मीटर लंबा व 37 मीटर ऊंचा बांध बनाया है। इसकी पुनरीक्षित लागत 600.81 करोड़ है। महत्वाकांक्षी परियोजना से पवई व गुनौर जनपद के 83 ग्रामों के किसानों की 25 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। ११ हजार हेक्टेयर की सिंचाई नहरों से किया जाना है। सिंचाई सुविधा मिलने से इस अंचल के किसान अब अपने खेतों से भरपूर पैदावार ले सकेंगे। वहीं उनकी जिंदगी में भी खुशहाली आएगी।
बांध की जलधारण क्षमता 124.80 मिलियन घन मीटर
जल संसाधन संभाग पन्ना के कार्यपालन यंत्री बीएल दादौरिया की देखरेख में तेंदूघाट पवई मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2015 में शुरू हुआ और इन्हीं के रहते बांध निर्माण का यह कार्य पूरा हो गया। मौजूदा समय कार्यपालन यंत्री दादौरिया जल संसाधन संभाग पवई में कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार ने जिले की निर्माणाधीन दो मध्यम सिंचाई परियोजनाओं रुझ व मझगांय बांध के निर्माण की जवाबदारी भी इन्हें सौंप दी है। ये दोनों ही सिंचाई परियोजनाएंं जल संसाधन संभाग पन्ना के अन्तर्गत आती हैं।
तेंदूघाट पर बने बांध में लगे हैं 9 गेट
केन नदी में तेंदूघाट पर बने इस बांध में कुल 9 गेट लगे हैं। तालाब में कुल क्षमता 124.80 मिलियर घन मीटर का ५६ फीसदी पानी भरा हुआ है। बांध से जहां हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। वहीं पूरे इलाके में जल स्तर भी सुधरेगा। जिससे पेयजल की समस्या का काफी हद तक निराकरण हो सकेगा। दादौरिया के मुताबिक बांध की जलधारण क्षमता 124.80 मिलियन घन मीटर तथा जल गृहण क्षेत्र लगभग 995 वर्ग किमी है। बांध के डूब क्षेत्र में तकरीबन 1373 हेक्टेयर भूमि आई है। जिसमें निजी भूमि 599 हेक्टेयर, शासकीय भूमि 536 हेक्टेयर तथा 238 हेक्टेयर के लगभग वन भूमि प्रभावित हुई है।
नहरों से होगी 11 हजार हैक्टेयर की सिंचाई
कार्यपालन यंत्री दादौरिया ने बताया पवई मध्यम सिंचाई परियोजना के द्वारा नहरों के माध्यम से 11 हजार हेक्टेयर से भी अधिक कृषि भूमि सिंचित होगी। नहरों के अलावा 14800 हेक्टेयर की पाइप लाइन एरीगेशन की निविदा बुलाई गई है। दादौरिया ने बताया कि पवई मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्मित की जाने वाली मुख्य नहरों की लबाई 40.61 किमी है। इसमें 37 किमी लंबी नहर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, शेष कार्य इस वर्ष दिसंबर माह तक पूरा करने का लक्ष्य है। नहरों के निर्माण का कार्य पूरा होने पर अंचल के किसानों को सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। जिससे सूखा और अल्प वर्षा के चलते बदहाली का जीवन गुजारने वाले किसानों की जिन्दगी खुशहाल होगी।
इधर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन बीएल दादौरिया ने कहा किबांध बनकर तैयार हो गया है। अभी बांध में करीब ५६ फीसदी पानी भरा हुआ है। दिसंबर तक नहरों के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो