डरे-सहमे शिक्षक भागकर घर आए लोगों को फिर तेंदुआ देखे जाने की जानकारी दी। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी आए और रातभर तेंदुए की सर्चिंग करते रहे। बोरिंग के पास जहां तेंदुए ने पानी पिया था वहां फुटमार्क भी देखे गए।
हमले में चार को किया था घायल गौरतलब है कि ग्राम पगरा में चार दिन पूर्व तेंदुए ने चार लोगों पर हमला कर घायल कर दिया था। इसके बाद से उसकी लुकाछिपी का खेल जारी है। वन विभाग की और रेस्क्यू टीम जब तक ग्रामीणों को यह भरोसा दिला पाती है कि अब तेंदुआ गांव से चला गया तभी कुछ घंटों बाद वह गांव में फिर दिख जाता है।
वन विभाग की टीम कुछ ही घंटों की राहत ले पाती है कि फिर गांव से तेंदुए को देखे जाने की जानकारी उनके पास पहुंच जाती है। बताया गया कि शनिवार को दिनभर तेंदुआ किसी को नहीं दिखाई दिया। इससे शाम को लोग अपने दैनिक कार्यों में जुट गए थे। शिक्षक वृंदावन कुशवाहा ने ेबताया, उनके घर की बाड़ी में मवेशियों को बांधने की सार है।
रात करीब आठ बजे वह मवेशियों का चारा पानी देने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि कैथा के पेड़ के पास तेंदुआ खड़ा है। कुछ देर खड़ा रहने के बाद वहां से टहलते हुए आगे चला गया।
बोरिंग के पास दिखे पंजे के निशान बताया गया कि उनके वहां पहुंचने के कुछ ही समय पहले तेंदुए ने बोरिंग से पानी पिया होगा। तेंदुए के पंजों के निशान पानी के पास की गिली मिट्ïटी में साफ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद वे यहां से भागकर घर आए और मामले की जानकारी रेंजर अमानगंज को दी। जानकारी मिलने के कुछ ही देर बाद वन विभाग की टीम तेंदुए की तलाश में आ गई।
वन विभाग की टीम रातभर गंाव में रुककर तेंदुए की तलाश करती रही। वन विभाग की टीम ने भी पानी के पास मिट्टी में मिले फुट प्रिंट को तेंदुए का होना बताया। इसके बाद वह दोबारा नहीं दिखा। सुबह करीब ८-९ बजे तक सर्चिंग करने के बाद भी जब तेंदुआ नहीं दिखा तो वन विभाग की टीम वापस लौट आई।