बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसे बडग़ड़ी के जंगल में छोड़े जाने की बात कही जा रही है। बाघ के पकड़े जाने के बाद वन विभाग के अमले और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
महीनों से क्षेत्र में मूवमेंट गौरतलब है कि, उक्त बाघ का बीते कई महीनों से क्षेत्र में मूवमेंट था। बाघ कई मवेशियों का शिकार भी कर चुका था। इससे लोग दहशत के साये में जी रहे थे। चार दिन पूर्व उक्त बाघ ने बांधीकला-भरतपुर गांवों में आमद दर्ज कराई थी। उसने दो मवेशियों का शिकार भी किया था।
घेरने के बाद ट्रेंकुलाइज किया इसके बाद लगातार दो दिन से पन्ना टाइगर रिजर्व और वन विभाग की टीम चार हाथी और एक सैकड़ा लोग रेस्क्यू में लगे हुए थे। तीसरे दिन भी सुबह करीब 11 बजे चार हाथियों सहित आधा दर्जन वाहनों और करीब एक सैकड़ा अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी-भरकम टीम ने बाघ का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उसे घेरने के बाद ट्रेंकुलाइज किया गया।
लोगों ने ली राहत की सांस
शाम को बाघ का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। साथ ही बीते कई माह से दहशत के साये में जी रहे क्षेत्र के लोगों ने भी राहत महसूस की। लोगों का कहना था कि अब वे बिना बाघ की दहशत के खेतों में पानी लगा सकेंगे और रात को सो सकेंगे। उन्हें रात में मवेशियों के शिकार की चिंता भी नहीं रहेगी।
शाम को बाघ का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। साथ ही बीते कई माह से दहशत के साये में जी रहे क्षेत्र के लोगों ने भी राहत महसूस की। लोगों का कहना था कि अब वे बिना बाघ की दहशत के खेतों में पानी लगा सकेंगे और रात को सो सकेंगे। उन्हें रात में मवेशियों के शिकार की चिंता भी नहीं रहेगी।
एक क्विंटल से अधिक था वजन
रेस्क्यू ऑपरेशन दौरान वन अधिकारियों ने बताया कि ट्रेंकुलाइज किए गए बाघ का वजन एक क्विंटल ३४ किग्रा. के करीब था। बाघ को पकडऩे के लिए पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू ऑपरेशन के समय पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के अलावा टाइगर रिजर्व के अधिकारी, अमानगंज रेंज के अधिकारी व कर्मचारी सहित एक सैकड़ा लोगों का स्टाफ था। कार्रवाई के दौरान गांव के लोग पूरी तरह से घरों में ही दुबके रहे। इससे सड़कों में सन्नाटा पसरा हुआ था।
रेस्क्यू ऑपरेशन दौरान वन अधिकारियों ने बताया कि ट्रेंकुलाइज किए गए बाघ का वजन एक क्विंटल ३४ किग्रा. के करीब था। बाघ को पकडऩे के लिए पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू ऑपरेशन के समय पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के अलावा टाइगर रिजर्व के अधिकारी, अमानगंज रेंज के अधिकारी व कर्मचारी सहित एक सैकड़ा लोगों का स्टाफ था। कार्रवाई के दौरान गांव के लोग पूरी तरह से घरों में ही दुबके रहे। इससे सड़कों में सन्नाटा पसरा हुआ था।