शुरुआती दिनों में उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध से जूझना पड़ा। इसी बीच दो बच्चे आशा और अरुण उनकी उम्मीद बने। दोनों बच्चे नानजिंग में वर्ष 2018 में आयोजित एशियाई स्केटबोर्डिंग चैम्पियनशिप में सेमीफाइनल राउंड तक पहुंचे थे। आशा ने अंग्रेजी सीखने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। गांव के कई बच्चे खेल के लिए विदेश जा चुके हैं।
गांव के बच्चों पर कई डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं। पहले जहां बचपन में ही बच्चों का विवाह कर दिया जाता था, अब वह रूढ़ियां टूट गई हैं, स्कूल में बच्चों का प्रवेश बढ़ गया। गांव की स्केट बोर्ड खिलाड़ी आशा सचिन तेंदुलकर के साथ एक विज्ञापन में भी काम कर चुकी हैं। खेल के अलावा आशा रैप सॉन्ग भी लिख चुकी हैं।

पन्ना को मिला 10 हजार वर्गफीट का स्ट्रीट स्केट बोर्ड पार्क, ग्रामीण बोले- मिलेगी नई पहचान
जनवार में आकार ले रहा भारत का सबसे बड़ा स्ट्रीट स्केट बोर्ड पार्क
स्ट्रीट स्केट बोर्डिंग पार्क शुरू, नया पार्क मिलने से बच्चों में उत्साह
